बिहार में पहली बार आयोजित दो दिवसीय ‘ईस्ट इंडिया क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव-2018’ का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को ज्ञान भवन में किया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ.हर्षवर्धन विशिष्ट अतिथि हैं। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मंत्री महेश गागरा के अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड और असम के मंत्री, अधिकारी, अन्तरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ और नीति निर्धारक भाग ले रहे हैं।
इस माैके पर सीएम नीतीश ने कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ में बिहार का किसी तरह का योगदान नहीं है। बावजूद यहां के लोग भी इसकी सजा भुगत रहे हैं। हमें गंगा की अविरलता को बनाये रखना है। इसके लिए डैम में जमा 50 प्रतिशत को छोड़ना होगा।
वहीं, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि कॉन्क्लेव में इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभर कर सामने आए जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और उससे निपटने के उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जलवायु परिर्वतन का सबसे ज्यादा प्रभाव समाज के गरीब तबके पर पड़ रहा है। दो दिवसीय कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा जलवायु परिर्वतन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने की सक्षम कार्य प्रणाली, बेहतर नीतियों व योजनाओं के निर्माण पर व्यापक विचार किया जायेगा। बिहार समेत पूर्वी भारत के अन्य राज्यों द्वारा ‘स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’ तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत कृषि, वन, जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, नगर विकास, नगर परिवहन, उद्योग, ऊर्जा और स्वास्थ्य आदि के लिए रणनीति बनाई गई है।
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