जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। सूत्रों के मुताबिक मुठभेड़ में हिजबुल के टॉप कमांडर कासिम शाह उर्फ जुगनू का भी खात्मा हो गया है।
मोहम्मद कासिम शाह उर्फ जुगनू के साथ ही बासित अहमद पारे और हारिस मंजूर भट को भी मार गिराया गया है। हालांकि इस बात की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बता दें कि सुरक्षाबलों को गुरुवार को पुलवामा जिले के त्राल के चेवा उल्लर इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसी सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आतंकियों ने खुद को घिरा देख सुरक्षाबलों पर फायरिंग करनी शुरू कर दी थी।
जवाबी कार्रवाई करने से पहले जवानों ने आतंकियों से समर्पण करने के लिए कहा। बावजूद इसके आतंकियों की ओर से फायरिंग जारी रही। इसके बाद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला।
हालांकि रात में अंधेरा होने के कारण ऑपरेशन रोक दिया गया था। सुबह एक बार फिर से मुठभेड़ शुरू हुई। इस दौरान सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने तीन आतंकियों को मार गिराया।
वहीं दो जवानों के घायल होने की भी सूचना है। इससे पहले गुरुवार की सुबह सोपोर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो दहशतगर्द ढेर कर दिए गए थे।
सेना की 22-आरआर, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम अंजाम दिया था। इसी के साथ इस साल अबतक 110 आतंकियों का सफाया हो चुका है। वहीं, इस महीने सबसे अधिक 35 आतंकी मारे गए हैं।
मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में सुरक्षाबलों ने गुरुवार को लश्कर के आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश कर पांच मददगार गिरफ्तार किए हैं। इनके कब्जे से एके 47 के 28 कारतूस, एके 47 राइफल की एक मैगजीन और लश्कर के 20 पोस्टर मिले हैं। साथ ही अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बडगाम पुलिस को सूचना मिली थी कि नारबल इलाके में आतंकियों के कुछ मददगार मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने सेना की 2 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के साथ मिलकर इलाके में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आतंकियों के पांच मददगार पकड़े गए।
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आतंकियों के इन मददगारों की शिनाख्त खुरहामा बडगाम के इमरान राशिद, चक कावूसा के इफ्शान अहमद गनई, कावूसा खलीसा के ओवैस अहमद, खुरहामा बडगाम के मोहसिन कादिर और अरचनदरहामा मागाम के आबिद राथर के तौर पर हुई है।
शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यह मॉड्यूल आतंकी संगठन लश्कर के सक्रिय आतंकियों को रसद और आश्रय प्रदान करने में मदद करता था। पिछले कुछ महीनों से जिले में सक्रिय था।