जन्मदिन विशेष : 55 साल की नौकरानी को 14 साल की उम्र में दिल दे बैठे थे ओमपुरी

ओम पुरी एक ऐसा नाम, जिसके बारे में हर कोई जानता है। आज हम उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ ऐसे राज खोलेंगे जो आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे। जानिए कौन था उनका पहला प्यार…

जन्मदिन विशेष : 55 साल की नौकरानी को 14 साल की उम्र में दिल दे बैठे थे ओमपुरी
फिल्म अभिनेता ओम पुरी का आज 67वां जन्मदिन है। फिल्म ‘भवनी भवई’, ‘स्पर्श’, ‘मंडी’, ‘आक्रोश’ और ‘शोध’ जैसी फिल्मों में ओमपुरी का सधा हुआ अभिनय दर्शकों के सिर चढ़कर बोला था। 18 अक्टूबर 1950 में जन्मे ओमपुरी का बचपन बड़े कष्टों के साथ बीता।

ओम पुरी के घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वो कोयला बीनकर अपना पेट भरते थे। इतना ही नहीं परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने सात साल की उम्र में एक ढाबे पर भी काम किया। यहां वो बर्तन धोने का काम करते थे। कुछ दिनों बाद ही मालिक ने उन पर चोरी का इल्जाम लगाया और नौकरी से निकाल दिया। 

ओम पुरी जिस घर में रहते थे उसके पीछे एक रेलवे यार्ड था। रात के समय ओमपुरी घर से भागकर ट्रेन में सोने चले जाते थे। उन्हें ट्रेन से बड़ा लगाव था। इसीलिए वो बड़े होकर ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे। कुछ समय बाद ओमपुरी पंजाब के पटियाला में अपनी नानी के घर पर चले आए।

ओमपुरी का जीवन विवादों से घिरा रहा है। ओम की पत्नी ने उन पर एक किताब लिखी थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि ओमपुरी ने 14 साल की उम्र में घर की नौकरानी के साथ सेक्स किया था। पत्नी नंदिता ने किताब में खुलासा किया कि मामा के घर पर काम करने वाली 55 साल की नौकरानी से उन्हें प्यार हो गया था। नौकरानी भी उनका बहुत ख्याल रखती थी।

एक दिन घर की लाइट गुल हो गई। नौकरानी ने मौका देखकर उन्हें पकड़ लिया। तब ओमपुरी ने पहली बार नौकरानी के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। वो नौकरानी ओमपुरी का पहला प्यार थी। इस किताब का नाम है ‘असाधारण नायक ओमपुरी’। ओमपुरी ने ननिहाल में ही अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की। 

इसी दौरान उनका रूझान अभिनय की तरफ हुआ। वह नाटकों में हिस्सा लेने लगे। ओमपुरी कॉलेज में पढ़ाई के साथ एक वकील के यहां मुंशी की नौकरी भी करते थे। एक बार नाटक में हिस्सा लेने के कारण वह वकील के यहां काम पर नहीं गए। इससे वकील ने नाराज होकर उन्हें हटा दिया। 

इसी दौरान उनका रूझान अभिनय की तरफ हुआ। वह नाटकों में हिस्सा लेने लगे। ओमपुरी कॉलेज में पढ़ाई के साथ एक वकील के यहां मुंशी की नौकरी भी करते थे। एक बार नाटक में हिस्सा लेने के कारण वह वकील के यहां काम पर नहीं गए। इससे वकील ने नाराज होकर उन्हें हटा दिया। 

जब इस बात का पता कॉलेज के प्राचार्य को चला तो उन्होंने ओमपुरी को केमिस्ट्री लैब में सहायक की नौकरी दे दी। कॉलेज में होने वाले नाटकों में हिस्सा लेने के दौरान उनकी मुलाकात हरपाल और नीना तिवाना से हुई। जिनके सहयोग से वह पंजाब कला मंच नामक नाट्य संस्था से जुड़ गए।

ओमपुरी ऐसे अभिनेताओं में से एक हैं जिन्होंने इंटरनेशल लेवल पर अपनी पहचान बनाई है। ईस्ट इज ईस्ट, सिटी ऑफ ज्वॉय, वुल्फ, द घोस्ट एंड डार्कनेस जैसी हॉलीवुड फिल्मों में भी उन्होंने अपने उम्दा अभिनय की छाप छोड़ी है। ओमपुरी का निजी जीवन कई बार विवादों में आया। उन्होंने दो शादी की हैं। 

पहली पत्नी का नाम सीमा है जिनसे तलाक लेकर उन्होंने नंदिता पुरी से शादी की थी। दोनों का एक बेटा ईशान भी है। साल 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘आक्रोश’ ओम पुरी के सिने करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई। 

गोविन्द निहलानी निर्देशित इस फिल्म में ओम पुरी ने एक ऐसे शख्स का किरदार निभाया जिस पर पत्नी की हत्या का आरोप लगाया जाता है। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए ओमपुरी सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए। 1981 में फिल्म “आक्रोश” के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

 
 

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