नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि कोरोना से जंग जीतने के लिए टेस्टिंग सबसे सशक्त हथियार है। उन्होंने इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग और समय पर उपचार समेत दस जरूरी कदम भी सुझाए। उन्होंने कहा, इन्हें अपनाकर ही हम देश की लड़ाई को मजबूती दे सकते हैं।
अमिताभ कांत ने कहा वैश्विक स्तर पर जहां भी कोरोना से जीत हासिल की गई है वहां एक रणनीति मूल में रही। न्यूजीलैंड का उदाहरण देते हुए कांत ने कहा, इस देश ने तेजी से जांचें की और वायरस को अपने यहां से निकाल फेंका। इसी तरह भारत में भी केरल व कर्नाटक ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाया। यहां भी अधिक से अधिक जांच करने के नतीजे सामने हैं।
इसके अलावा कांत ने दूसरा सबसे जरूरी कदम संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की ट्रेेसिंग को बताया। इसके लिए उन्होंने दक्षिण कोरिया का उदाहरण दिया। तीसरा और बेहद जरूरी कदम कांत के मुताबिक समय पर उचित इलाज मुहैया कराना है ताकि बीमारी से ज्यादा से ज्यादा लोग स्वस्थ हों।
चौथे नंबर पर संस्थागत क्वारंटीन को जगह दी है। इसमें एक जगह से दूसरी जगह जाने वालों से संक्रमण के खतरे को रोका जा सके। कांत ने कंटेनमेंट नियमों को लागू करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, लॉकडाउन स्थायी समाधान नहीं है और कंटेनमेंट नियमों का पालन बेहद जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने आंकड़ों के विश्लेषण और पारदर्शिता अपनाने की भी सलाह दी। उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल कर कोरोना से लड़ाई को और मजबूती देने व नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा।
इसके अलावा उन्होंने कोरोना वॉरियर्स को और जागरूक करने व ऑनलाइन परीक्षण देने की भी सलाह दी। आखिर में कांत ने लोगों से इस रोकथाम मुहिम में बढ़चढ़कर भागीदारी करने और सामुदायिक स्तर पर संक्रमण को रोकने में हिस्सा लेने का सुझाव दिया। उन्होंने का जनता के सहयोग के बिना सरकार इस जंग को नहीं जीत सकती।