अपने ही गांव के चार दबंगों की क्रूरता का शिकार हुए संगरूर के अनुसूचित जाति के 37 साल के जगमेल सिंह जग्गा ने शनिवार को पीजीआई में दम तोड़ दिया। जगमेल को खंभे से बांधकर बेदर्दी से पीटा गया, फिर प्लास से उसका मांस नोचा गया था। यही नहीं दबंगों ने सारी हदें पार करते हुए उसे पेशाब तक पीने को मजबूर किया था।
इस संबध में पंजाब पुलिस के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने संगरूर जिले के एसएसपी को सोमवार तक विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश दिए। पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी एसएसपी संगरूर को घटना की एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं। आयोग की चेयरपर्सन तेजिंदर कौर ने बताया कि यह मामला मीडिया के जरिये आयोग के सामने आया है।
आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। वहीं, संगरूर के एसएसपी का कहना है कि पुलिस ने 10 नवंबर को जगमेल के बयान दर्ज किए थे। इसके आधार पर कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 18 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
पुलिस को दिए बयान में जगमेल ने बताया था कि 21 अक्तूबर को गांव के कुछ लोगों से उसका विवाद हो गया था। इस बारे में पंचायत में समझौता हो गया लेकिन ये लोग रंजिश पाले हुए थे। सात नवंबर को वह गांव में ही पंच गुरदियाल सिंह के घर पर बैठा था। तभी वहां रिंकू सिंह, अमरजीत सिंह, बिक्कर सिंह और लक्की वहां आए। वे सभी उसे रिंकू के घर पर ले गए।
वहां पर उन्होंने उसकी बेरहमी से पिटाई की, प्लास से जांघ का मांस नोचा और पानी मांगने पर पेशाब पिलाया। यह दरिंदगी तीन घंटे तक चली। गांव के लोगों के वहां आने पर चारो आरोपी भाग खड़े हुए।
जगमेल को चंडीगढ़ पीजीआई में दाखिल कराया गया, जहां डॉक्टरों को इलाज के दौरान उसकी दोनों टांगे काटनी पड़ीं। शनिवार को उसने दम तोड़ दिया। जगमेल के तीन छोटे बच्चे और पत्नी है। वह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। अब उसके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं रहा।