बिजली उत्पादन में विदेशी कोयले के उपयोग से बिजली महंगी हो गई है। छत्तीसगढ़ में बिजली के दाम 30 पैसा प्रति यूनिट बढ़ गया है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से बिजली की कीमत बढ़ी है। अगले कुछ महीनों में बिजली की दर और महंगी हो सकती है। 3 से 4 हजार रुपये प्रति टन की जगह विदेशों से आयातित 15 से 18 हजार रुपये टन के कोयले से बिजली का उत्पादन होगा तो उत्पादन लागत बढ़ेगा ही।
रायपुर में सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सैकड़ों यात्री ट्रेनों को रद्द कर रहे हैं फिर भी कोयला की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इस देश में जितनी कोल माइंस हैं, उससे कोयले की पूर्ति नहीं कर पा रही है। इसकी वजह से केंद्र सरकार विदेशों से कोयला मंगवा रही है। यहां का कोयला 3 से 4 हजार रुपया टन है। बाहर का कोयला 15 से 18 हजार रुपया प्रति टन आ रहा है। इसके कारण बिजली उत्पादन महंगा हो गया है।
उत्पादन लागत बढ़ने से कीमत में इजाफा
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बिजली दर अभी तो थोड़ा बढ़ा है। यह आगे और बढ़ेगा। जब आप 18 हजार प्रति टन में कोयला खरीदेंगे तो बिजली फिर महंगी होगी। उत्पादन लागत बढ़ने से बिजली की कीमत बढ़ेगा ही। मुख्यमंत्री ने पूछते हुए कहा कि एनटीपीसी के जितने भी पॉवर प्लांट हैं वे बिजली दर बढ़ाएंगे तो राज्य में बिजली की कीमत नहीं बढ़ेगी? अभी और तैयार रहिएगा। इसका पूरी तरह जब इफेक्ट आएगा तो बिजली का बिल और बढ़ जाएगा।