छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने शादी से पहले होने वाले फोटो शूट को संस्कृति के लिए गलत बताया है। उन्होंने कहा कि शादी से पहले फोटो और वीडियो शूट करने का चलन लड़कियों के भविष्य के लिए खतरनाक है।

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक शादी से पहले होने वाले प्री-वेडिंग शूट के खिलाफ है। दरअसल, उन्होंने एक मामले को निपटाने के बाद यह संदेश जारी किया है। डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि शादी से पहले फोटो और वीडियो शूट करने का चलन लड़कियों के भविष्य के लिए खतरनाक है।
‘हमारी संस्कृति में नहीं है प्री-वेडिंग शूट’
आयोग में सुनवाई के लिए आए एक मामले के संदर्भ में अध्यक्ष ने कहा कि प्री-वेडिंग शूट कराना हमारी संस्कृति में नहीं है और यह लड़कियों के भविष्य के लिए खतरनाक है। अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि दो दिन पहले राज्य महिला आयोग में सुनवाई के लिए एक मामला आया जिसमें शादी से ठीक दो दिन पहले ही वर पक्ष ने शादी तोड़ दी थी। उन्होंने बताया कि दूल्हा-दुल्हन का प्री-वेडिंग शूट हो चुका था और शादी की तारीख से ठीक दो दिन पहले ही लड़के की एक्स-गर्लफ्रैं के आने से रिश्ता तोड़ दिया गया।
क्या था पूरा मामला?
शादी टूटने के बाद, दूल्हे के परिवार ने लड़की के परिवार द्वारा शादी की तैयारियों पर खर्च किए गए पैसे को वापस करने से भी इनकार कर दिया था। वहीं, लड़की पक्ष वाले लोग प्री-वेडिंग शूट की फोटो को लेकर चिंतित थे कि कहीं भविष्य में उन तस्वीरों का गलत उपयोग न हो जाए। हालांकि, महिला आयोग में मामला आने के बाद वर पक्ष ने दुल्हन के परिवार को पैसे वापस कर दिए गए और यह सुनिश्चित भी कर दिया कि सभी तस्वीरें और वीडियो हटा दिए जाएंगे और न ही भविष्य में उसका गलत उपयोग किया जाएगा।
‘गलत दिशा में जा रहे हैं लोग’
डॉ. किरणमयी नायक ने इसी मामले के संबंध में समाज में यह संदेश जारी किया कि प्री-वेडिंग शूट कराना हमारी संस्कृति में नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग में हमारे सामने ऐसे कई मामले आए जिनमें ऐसा लगता है कि प्री-वेडिंग शूट हमारे समाज में और संस्कृति में नहीं है। लोग गलत दिशा में जा रहे हैं और इसलिए भविष्य में इसके परिणाम खतरनाक होंगे।
शादी के बाद कराना चाहिए फोटोशूट
डॉ. नायक ने इस मामले का जिक्र करते हुए लोगों से अपील की कि ऐसे मामलों में आयोग से तुरंत संपर्क करें। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को देखने के बाद मैंने सोचा कि समाज में एक संदेश फैलाने की जरूरत है कि शादी के बाद कपल को जितनी मर्जी फोटो खींचने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन उससे पहले यह सब करने से भविष्य में ऐसी स्थिति किसी भी लड़की के साथ हो सकती है। इसके अलावा, माता-पिता को इस तरह की प्रथा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
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