छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने शराबबंदी का वादा किया है। उससे पीछे नहीं हट रहे हैं। इसको लेकर जल्दबाजी में फैसला लेना ठीक नहीं है। शराब एक सामाजिक बुराई है। जन जागरुकता के माध्यम से शराबबंदी करेंगे। मुख्यमंत्री ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के लोग पहले अपने वादों का हिसाब दे। 15 साल सत्ता में रहे, लेकिन अपना वादा पूरा नहीं किया। डॉ. रमन सिंह ने अपने विधायक दल की बैठक में कहा था कि चाहे सरकार भले ही चली जाए, लेकिन शराबबंदी करके रहूंगा। आपने क्यों अपना वादा नहीं निभाया।
राजनांदगांव जिले में सीएम ने कहा रमन सिंह ये बताएं कि उन्होंने शराबबंदी क्यों नहीं की। हर घर में नौकरी देने की बात कही थी। 2100 रुपये क्विंटल धान खरीदी करने का वादा किया था। 15 साल तक प्रदेश की जनता को छलने में लगे रहे। वादे किए और निकल गए। पहले उसका हिसाब कर लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में डॉ. रमन सिंह चिटफंड कंपनियों में ब्रांड एंबेसडर बन गए थे। उन्होंने लाखों लोगों का करोड़ों रुपये जमा कराया। डॉ. रमन सिंह ने किस आधार पर वह पैसा जमा करवाया। 15 साल सत्ता में रहे तो पैसा वापस क्यों नहीं कराया। कार्रवाई क्यों नहीं की। उसका हिसाब दें। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने लोगों की जेब में पैसे डालने का काम किया। ऐसा करके हमने अर्थव्यवस्था की जड़ों को मजबूती दी है।
गुजराज में शराबबंदी, लेकिन हर ब्रांड उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब बंदी की जाएगी, लेकिन यह फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा। शराब एक सामाजिक बुराई है। सब मिलकर ही उसको बंद करेंगे। आंध्र प्रदेश और हरियाणा राज्य में जल्दबाजी में फैसला लेकर शराबबंदी की गई। इसके बाद सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। गुजरात में शराबबंदी है, लेकिन जिस ब्रांड की शराब चाहिए वह मिल जाती है। बिहार में शराबबंदी है, लेकिन लोग सैनिटाइजर और जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं। इसे बंद करने जल्दबाजी में फैसला लेना गलत है। जन जागरुकता लाकर ही शराबबंदी करेंगे।
सरकार की बेहतर नीतियों से फल-फूल रहा व्यापार
भिलाई और दुर्ग में महाराजा अग्रसेन जयंती पर भूपेश बघेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गतिशील रखने में व्यापारी वर्ग का बड़ा योगदान है। सरकार की नीतियां बेहतर हों तो व्यापार फलता-फूलता है। हमने ऐसी ही नीति बनाई। आज आपके चेहरे की मुस्कान देखकर अच्छा लगता है। जब हमारी सरकार आई तो यह शंका थी कि यह तो किसानों की सरकार है। गरीबों की सरकार है। हमारे लिए क्या करेगी। फिर जब किसान का पैसा बाजार में आया तो व्यापारियों को लगा कि सजग और जागरूक नीति से हर वर्ग का लाभ होता है। जब एक बड़ा तबका बढ़ता है तो अन्य तबकों का अपने आप विकास होता है।