चीन में जानलेवा कोरोनावायरस के बाद अब बर्ड फ्लू की दस्तक से लोग दहशत में हैं। कोरोनावायरस से चीन में अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 17,205 मामलों की पुष्टि हुई है। हुबेई प्रांत के स्थानीय स्वास्थ्य आयोग सोमवार को जानकारी दी है कि रविवार को इससे 57 लोगों की मौत हुई। अब कोरोनावायरस के चलते मरने वालों की कुल संख्या 361 हो गई है।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को अपनी दैनिक रिपोर्ट में कहा कि दो फरवरी को कोरोना वायरस के 2,829 नए मामले सामने आए हैं। इससे संक्रमित लोगों की कुल संख्या 17, 205 हो गई है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने आयोग के हवाले से बताया कि रविवार को इसकी चपेट में आने से 57 और लोगों की जान चली गई, जिससे इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 361 हो गई।
आयोग ने बताया कि रविवार को जिन 57 लोगों की जान गई उनमें से 56 हुबई प्रांत के थे और एक व्यक्ति की मौत चोंगक्विंग में हुई। इस संक्रमण से सर्वाधिक लोगों की मौत हुबेई प्रांत में हुई है। हुबेई की राजधानी वुहान में दिसंबर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था और अब यह संक्रमण दुनिया भर में फैल गया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।
वहीं, हुनान प्रांत में शुआंगक्विंग डिस्ट्रिक के रविवार को एक पोल्ट्री फार्म में हजारों मुर्गियां मृत पाई गईं। शुआंगक्विंग हुबेई प्रांत की दक्षिणी सीमा पर स्थित है, जहां इस समय कोरोनावायरस ने कहर बरपाया हुआ है। हालांकि अभी तक हुनान प्रांत में किसी मनुष्य में एच5एन1 वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
चीन के कृषि व ग्रामीण मामलों के मंत्रालय ने रविवार को बताया, श्याओयांग शहर के एक पोल्ट्री फार्म में यह घटना हुई है। इस फार्म में 7500 मुर्गियां है, जिनमें से 4500 मुर्गियां मृत पाई गईं। स्थानीय प्रशासन ने अब तक 17,828 मुर्गियों को एहतियातन मार दिया है। बर्ड फ्लू ऐसे समय फैला है, जब चीनी सरकार को कोरोनावायरस को फैलने से रोकने को लेकर कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
चीन ने 12 शहरों में लोगों की आवागमन और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे करीब 5.6 करोड़ लोग अपने घरों में ‘कैद’ होने पर मजबूर हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि शनिवार को 4.562 नए मामले सामने आए हैं। चीन के अलावा करीब 25 देशों में यह वायरस सैकड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है।
फिलीपींस में एक फरवरी को चीन के 44 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। वह वुहान से 21 जनवरी को अपनी महिला मित्र के साथ फिलीपींस पहुंचा था। फिलीपींस में डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि राबिंद्रा अबेयासिंघे ने बताया यह चीन के बाहर कोरोना से मौत का पहला मामला है।
वहीं, यूएई ने पांच और अमेरिका ने आठ मामलों की पुष्टि की है। इस बीच, चीन में पाकिस्तान की राजदूत नगमाना हाशमी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तानी छात्रों को वुहान से एयरलिफ्ट नहीं किया जाएगा क्योंकि उनके देश में कोरोना से पीड़ित मरीज के इलाज की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
चीन में कोरोना वायरस के कहर के बीच दुनिया भर में उसके खिलाफ भावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। कई देशों ने चीन के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं तो कई रेस्तराओं से चीनी नागरिकों को अपमानित होकर लौटना पड़ रहा है। दक्षिण कोरिया, जापान, हांगकांग और वियतनाम में कई रेस्तराओं ने चीनी ग्राहकों से दूरी बना ली है।
इंडोनेशिया में एक होटल तक स्थानीय लोगों ने चीन पर्यटकों के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें वहां से जाने को कहा। फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के कई अखबारों की आलोचना उनकी नस्लवादी टिप्पणियों के लिए हो रही है। चीन और एशिया के अन्य हिस्सों के लोग यूरोप और अमेरिका में नस्लवाद का सामना करने की शिकायत कर रहे हैं।
चीन का केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में 173 अरब डॉलर (करीब 12.3 लाख करोड़ रुपये) झोंकेगा ताकि कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिल सके। बैंक ने वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद करने वाली मेडिकल कंपनियों व उद्यमों को मौद्रिक व ऋण सहायता बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी।
इस्राइल ने पिछले दो सप्ताह में चीन की यात्रा करने वाले यात्रियों के देश में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस्राइल के गृहमंत्रालय ने बताया कि यह प्रतिबंध इस्राइल के नगारिकों पर लागू नहीं होगा। इससे पहले, इस्राइल ने बृहस्पतिवार को चीन से आने वाली सभी उड़ानों पर रोक लगा दी थी। अब वह दुनिया का तीसरा देश बन गया है, जिसने 14 दिन के भीतर चीन की यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई है।