लेख में कहा गया है, ‘यह आवश्यक नहीं है कि पनबिजली केंद्र चीन से भारत में बहने वाली ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों पर ही बनाया जाए।’ इसमें कहा गया है कि किसी भी स्थिति में भारत को तिब्बत की पनबिजली विकास योजनाओं पर अतिसंवेदनशील होने की जरूरत नहीं है।
तिब्बत अपने जल संसाधनों के प्रयोग को बढ़ाना चाहता है और अतिरिक्त पनबिजली बेचकर आर्थिक विकास के नए स्रोत बनाना चाहता है।
चीन ने पिछले महीने उस रिपोर्ट को ‘गलत और झूठा’ बता कर खारिज किया था जिसमें कहा गया था कि चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र के पानी को मोड़ने के लिए अरुणाचल के समीप 1000 किलोमीटर लंबी सुरंग बना रहा है। चीन से सटे होने के कारण भारत ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जाने वाले बांधों के प्रति अपनी चिंताएं व्यक्त करता रहा है।