बीजिंग। चीन ने गणतंत्र दिवस पर भारत द्वारा आसियान नेताओं की मेजबानी को लेकर नपी-तुली प्रतिक्रिया जताई है। उसने कहा कि इससे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास कायम करने में मदद मिलेगी। चीन के विदेश मंत्रलय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने कहा, उम्मीद है सभी देश क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए मिलकर काम कर करेंगे। हम सभी इस संबंध में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। आसियान देशों के साथ भारत का दोस्ताना और सहयोग संबंध बनाना सही है।
हुआ ने आसियान नेताओं की भारत की मेजबानी के संबंध में मीडिया में आई रिपोर्ट की निंदा की। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में चीन का प्रभाव कम करने के मकसद से भारत ने यह कदम उठाया। गौरतलब है कि भारत-आसियान संबंध के 25 वर्ष होने पर भारत ने मैत्री सम्मेलन के लिए आसियान नेताओं को न्योता दिया। 10 आसियान नेता शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि होंगे।
1967 में स्थापित आसियान में थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई हैं। इन सभी देशों के नेताओं के मुख्य अतिथि बनने को भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही ऐतिहासिक और अभूर्तपूर्व करार दे चुके हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेकर लौटे हैं। स्विट्जरलैंड के दावोस शहर में आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने भारत की छवि को और भी मजबूती पेश किया और दुनियाभर के कारोबारियों को निवेश के लिए भारत आने का न्योता दिया। इस सम्मेलन में भारत की महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके सत्र की शुरुआत पीएम मोदी के भाषण से हुई, जिसकी हर ओर प्रशंसा हो रही है। चीन जैसे प्रतिद्वंदी देश भी सराहना करते थक नहीं रहे हैं।
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