बीजिंग. भारत और चीन के बीच तनातनी खत्म होते नहीं दिखाई दे रही है. गुरुवार को चीन ने दावा किया कि भारत का एक ड्रोन (UAV) उसके वायुक्षेत्र में घुस गया. इस पर चीन ने घोर आपत्ति जताई है. बता दें कि ये मामला तब सामने आया है जब 11 दिसंबर को चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर आने वाले हैं.
चीन की सेना ने गुरुवार को आरोप लगाया कि एक भारतीय ड्रोन चीन के हवाई क्षेत्र में घुस गया और उसके बाद वह दुर्घटना का शिकार हो गया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने वेस्टर्न थियेटर कमांड के जॉइंट स्टाफ विभाग के कॉम्बैट ब्यूरो के उप प्रमुख झैंग शुइली के हवाले से कहा, ‘एक भारतीय यूएवी (अन्मैन्ड एरियल वीइकल) ने चीन के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया और प्रवेश करते ही वह दुर्घटना का शिकार हो गया. चीनी सीमा सुरक्षा बलों ने ड्रोन की पहचान और उसका सत्यापन किया है.’
झैंग के अनुसार, ‘भारत के इस कदम से चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं. हम अपने मिशन और जिम्मेदारी को पूरा करेंगे और चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा करेंगे.’
11 दिसंबर को भारत आ रहे हैं चीन के विदेश मंत्री
चीन के विदेश मंत्री वांग यी 11 दिसंबर को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. चीन के साथ ही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी इसी दिन भारत आ रहे हैं. तीनों देश वैश्विक, क्षेत्रीय एवं साझा हितों से जुड़े विषयों के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस यात्रा के दौरान रूस और चीन के विदेश मंत्री और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 15वें आरआईसी (रूस, भारत, चीन) विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में 11 दिसंबर को हिस्सा लेंगे.
बैठक में तीनों देश वैश्विक, क्षेत्रीय एवं साझा हितों से जुड़े विषयों के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के साथ आपसी संबंधों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं. इस दौरान एक संयुक्त बयान भी जारी होने की उम्मीद है. रूसी विदेश मंत्री लावरोव और चीनी विदेश मंत्री वांग यी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर सकते हैं, साथ ही इनके बीच द्विपक्षीय बैठक होने की भी संभावना है.