पाकिस्तानियों में मंदारिन सीखने की लगी है होड़

अपनी देशज भाषाओं को आधि‍कारिक दर्जा न देकर चीनी भाषा को यह दर्जा देना बहुत कुछ संकेत देता है. समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तान में मंदारिन सीखने वालों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि लोगों को लगता है कि इससे पाकिस्तान और चीन में बेहतरीन नौकरी मिल सकती है. पाकिस्तान पर चीन का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान में चीन का असर कितना हो गया है, यह इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां की सीनेट ने चीन की मंदारिन भाषा को देश के आधिकारिक भाषा का दर्जा दे दिया है.

पाकिस्तान पर चीन का दबदबा इस तरह बढ़ना चिंताजनक है. कई अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षक यह कहते रहे हैं कि पाकिस्तान चीन का उपनिवेश जैसा बनता जा रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मंदारिन को पाकिस्तान में आधि‍कारिक भाषा का दर्जा दिया गया है. चीन में मंदारिन और कैंटोनीज जैसी कई भाषाएं प्रचलित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मंदारिन बोली जाती है. पाकिस्तान के सीनेट ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब पाकिस्तान में चीन का दखल और दबदबा बढ़ता जा रहा है.

पाक अधिकृत कश्मीर के इलाके में चीनी सेना की देखरेख में कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है और चीन ने 60 अरब डॉलर के CPEC बनाने की घोषणा की है, जो पीओके से गुजरेगा. कई जानकार कहते हैं कि चीन की योजना भविष्य में पाकिस्तान को अपना एक आर्थिक उपनिवेश के तौर पर बनाने की है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना के लिए चीन को हजारों एकड़ कृषि भूमि लीज पर दी गई है, जिस पर वह डेमोस्ट्रेशन प्रोजेक्ट्स और फाइबर-ऑप्टिक सिस्टम स्थापित करेगा.