नई दिल्लीः भारत के दो पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान लगातार करीब आ रहे हैं. चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना के बाद पाकिस्तान ने चीन की आधिकारिक भाषा मंदारिन को आधिकारिक भाषा बनाने की बात कही है. इसको लेकर पाकिस्तानी सीनेट ने एक प्रस्ताव पारित किया है. इस कदम का मकसद लोगों को CPEC से जोड़ना है, जिससे कि वे आसानी से चीनी अधिकारियों से बातचीत कर सकें. सीनेट के प्रस्ताव के मुताबिक चीन के साथ पाकिस्तान के संबंधों को देखते हुए ऐसा करना जरूरी था.
इस बारे में अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने ट्वीट किया, ”70 सालों की एक छोटी अवधि में पाकिस्तान ने चार भाषाओं- अंग्रेजी, ऊर्दू, अरबी और अब चीनी को प्रोमोट किया है, जो देश के कई लोगों की मातृ भाषा नहीं है. यह मातृ भाषाओं को दरकिनार करना है.” पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सबसे अधिक बोली जाने वाली पंजाबी और पश्तो भाषा को अभी तक पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा घोषित नहीं की गई है.
In a short span of 70 years, #Pakistan has flirted with promoting four languages that were not the mother tongue of many people in the country — English, Urdu, Arabic, & now Chinese —ignoring native languages. https://t.co/6y0zKvK20m
In a short span of 70 years, #Pakistan has flirted with promoting four languages that were not the mother tongue of many people in the country — English, Urdu, Arabic, & now Chinese —ignoring native languages. https://t.co/6y0zKvK20m
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) February 19, 2018
पाकिस्तानियों में मंदारिन सीखने की लगी है होड़
अपनी देशज भाषाओं को आधिकारिक दर्जा न देकर चीनी भाषा को यह दर्जा देना बहुत कुछ संकेत देता है. समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तान में मंदारिन सीखने वालों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि लोगों को लगता है कि इससे पाकिस्तान और चीन में बेहतरीन नौकरी मिल सकती है. पाकिस्तान पर चीन का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान में चीन का असर कितना हो गया है, यह इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां की सीनेट ने चीन की मंदारिन भाषा को देश के आधिकारिक भाषा का दर्जा दे दिया है.
पाकिस्तान पर चीन का दबदबा इस तरह बढ़ना चिंताजनक है. कई अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षक यह कहते रहे हैं कि पाकिस्तान चीन का उपनिवेश जैसा बनता जा रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मंदारिन को पाकिस्तान में आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है. चीन में मंदारिन और कैंटोनीज जैसी कई भाषाएं प्रचलित हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मंदारिन बोली जाती है. पाकिस्तान के सीनेट ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब पाकिस्तान में चीन का दखल और दबदबा बढ़ता जा रहा है.
पाक अधिकृत कश्मीर के इलाके में चीनी सेना की देखरेख में कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है और चीन ने 60 अरब डॉलर के CPEC बनाने की घोषणा की है, जो पीओके से गुजरेगा. कई जानकार कहते हैं कि चीन की योजना भविष्य में पाकिस्तान को अपना एक आर्थिक उपनिवेश के तौर पर बनाने की है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना के लिए चीन को हजारों एकड़ कृषि भूमि लीज पर दी गई है, जिस पर वह डेमोस्ट्रेशन प्रोजेक्ट्स और फाइबर-ऑप्टिक सिस्टम स्थापित करेगा.