बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप व घोषणाओं का दौर भी चल रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार की कार्यों को गिनाया, साथ ही कई घोषणाएं भी कीं। इस बीच राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर हमलावर हैं तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में जनता दल यूनाइटेड के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान जन समस्याओं को उठाने के बहाने नीतीश कुमार को निशाने पर ले रहे हैं। उधर, विपक्षी महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी नीतीश पर हमलावर हैं तो हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा अध्यक्ष जीतन राम मांझी अपने महागठबंधन के खिलाफ जा कर नीतीश कुमार के प्रति नरम दिख रहे हैं।
कुशवाहा बोले: नौकरी देने के नाम पर विाबाजी कर रहे नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन पर टिप्पणी करते हुए आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री का संबोधन झांसों से भरा पड़ा था। बिहार में 15 वर्षों में शिक्षकों, डॉक्टरों, नर्सों व इंजीनियर आदि के पदों पर बहाली या तो न के बराबर या दोषपूर्ण हुई है। इसके फलस्वरूप आज व्यवस्थाएं चरमराई हुईं हैं। अब जबकि सरकार के गिनती के दिन बचे हैं, तो नीतीश कुमार भर्तियों के नाम हवाबाजी कर रहे हैं।
नेता अभी नहीं चाहते चुनाव
निर्वाचन आयोग ने भले ही बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) कराने की ठान ली है लेकिन विभिन्न दलाें के नेता फिलहाल इसे टालने के पक्षधर हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी ने पार्टी के जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी और जिला पदाधिकारी की इस बाबत राय ली थी, जिसमें अधिकांश ने कोरोना और बाढ़ का हवाला देकर चुनाव टालने की बात कही। एलजेपी का स्टैंड तो चुनाव के विरोध में है ही। अन्य दलों के कई नेता भी चुनाव के विरोध में हैं। हालांकि, वे यह भी कह रहे हैं कि अगर चुनाव हुआ ताे विरोध भी नहीं करेंगे।