2021 में प्रदर्शन के दौरान चंडीगढ़ पुलिस से झड़प मामले में बिक्रम मजीठिया समेत कई अकाली नेताओं की अदालत में पेशी हुई। अब अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी। दरअसल, शिअद नेता व कार्यकर्ता पंजाब सीएम के आवास का घेराव करने जा रहे थे। तभी रास्ते में पुलिस ने इन्हें रोका तो झड़प हो गई थी।
बिक्रम सिंह मजीठिया के वकील राजेश कुमार राय ने अदालत में कहा कि उक्त केस में सभी नेताओं को झूठे मामले में फंसाते हुए गलत केस बनाया गया है इसलिए मामले को खारिज किया जाना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी। इस दौरान आरोपों पर दोनों पक्षों में बहस होगी।
यह है पूरा मामला
पंजाब में महंगाई और 1984 दंगों के विरोध में शिअद नेता और कार्यकर्ता साल 2021 में चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए यूटी पुलिस ने बैरिकेड लगाकर नाकेबंदी की थी लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़कर पुलिस कार्य में बाधा डाली और सरकारी आदेश का उल्लंघन किया था।
आरोप के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई। इस वजह से पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और कई नेताओं को हिरासत में लिया था। सेक्टर-3 थाना पुलिस ने मजीठिया समेत अन्य अकाली नेताओं के खिलाफ आइपीसी की धारा 188, 186, 353, 332 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री का आवास घेरने के दौरान पुलिस के साथ हुई झड़प मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया समेत अन्य पार्टी नेता चंडीगढ़ जिला अदालत में पेश हुए। मामले में सीजेएम डॉ. अमन इंद्र सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान शिअद के बिक्रम मजीठिया, कनवर सिंह उर्फ रोजी बरकंदी, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमबंस सिंह रोमाणा, पवन कुमार, दलजीत सिंह, सुरजीत सिंह, महेशइंदर सिंह और बलविंदर सिंह पेश हुए। अदालत ने पिछली सुनवाई पर सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया था। अदालत ने सभी आरोपियों को मामले से जुड़े चालान की कॉपी दी।
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