आज के इस दौर में जहां थोड़े से पैसे के लिए लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन बन जाते हैं, लेकिन यह घटना इसके बिल्कुल उल्टी है। बनसमुद्र गांव के रहने वाले एक आदमी को अपने खेत में 435 सोने के सिक्के दबे मिले। उन्होंने उस खजाने को अपने पास रखने के बजाय ईमानदारी से सरकार को सौंप दिया। बेंगलुरु से 100 किलोमीटर की दूरी पर मंड्या जिले का यह गांव प्रशासनिक और पुरातत्व मंडल के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

बुधवार को सुबह करीब 11 बजे लक्षम्मा अपने घर की नींव डालने के लिए जमीन की खुदाई कर रहे थे। खुदाई करते समय काम करने वाले मजदूरों को छोटे-छोटे पीले चमचमाते हुए सिक्के बिखरे हुए दिखाई दिए। एक ग्रामीण ने जिला अधिकारी को बताया, पहले हमने सोचा कि शायद ये मोती होंगे लेकिन जब हमने इन्हें छुआ तो ये धातु की तरह लगे। इस तरह के बहुत सिक्के मिलने लगे। उनमें तब मिट्टी लगी हुई थी। हमने सिक्के साफ किए और हमें अंदाजा हुआ कि शायद ये सिक्के कुछ खास हैं। हमें कुछ लोगों ने बताया कि शायद ये सिक्के सोने के हैं।
तब कुछ ग्रामीणों ने सिक्कों को सुनार के पास ले जाने की सलाह दी लेकिन लक्षम्मा और उनके परिवार ने हालगुर पुलिस स्टेशन जाने का फैसला किया। पुलिस इंस्पेक्टर श्रीधर को जब घटना की जानकारी मिली तो वे गांव में आए और उन्होंने सिक्कों को कब्जे में ले लिया। असिस्टेंट कमिश्नर अतुल कुमार ने बताया कि सिक्कों का कुल वजन 160 ग्राम है। हर सिक्के का डिजाइन अलग है और हर सिक्का दूसरे से अलग दिखता है। इन सिक्कों को पुलिस से तहसीलदार ने ले लिया और अब इन्हें जांच के लिए पुरातत्व विभाग को सौंप दिया जाएगा। प्रशासन ने इस ईमानदारी के लिए लक्षम्मा की सराहना की।
मलवल्ली विधायक पी. एम. नरेंद्र स्वामी ने कहा कि छुपे हुए खजाने को पुलिस के हाथ में सौपने की घटना से पता चलता है कि राज्य में अब भी सच्चाई और ईमानदारी जीवित है। स्वामी ने लक्षम्मा की ईमानदारी की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह खुदाई में मिले सिक्के इस जगह पर बड़े साम्राज्य के होने के संकेत देते हैं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal