फ्लिपकार्ट को खरीदने के बाद वालमार्ट अब अपनी भारतीय सहयोगी कंपनी वालमार्ट इंडिया के साथ घरेलू बाजार में पैठ बनाने की तैयारियों में जुट गई है। वालमार्ट इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रजनीश कुमार मानते हैं कि यह साझेदारी घरेलू कारोबारियों के साथ-साथ किसानों और छोटे उद्यमियों को विकास के नए अवसर उपलब्ध कराएगी। उनसे राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख नितिन प्रधान की बातचीत के मुख्य अंश
वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के बाद अब भारत में कारोबार की स्थिति कैसी देख रहे हैं?
देखिए भारत में आने के बाद वालमार्ट इंडिया ने हमेशा इस बात की कोशिश की है कि उसके साथ-साथ घरेलू छोटे कारोबारी भी समृद्धि की राह पर चलें। यही वजह है कि अब तक दस लाख से ज्यादा छोटे कारोबारी और उद्यमी वालमार्ट इंडिया के साथ जुड़े हैं और निरंतर तरक्की कर रहे हैं। कंपनी अपनी इसी वैल्यू को फ्लिपकार्ट के साथ भी ले जाना चाहती है।
जैसा मैंने बताया कि वालमार्ट इंडिया का मूल मंत्र ही अपने कारोबारी सहयोगियों के लिए विकास की संभावनाएं पैदा करना है। हम सहयोगियों के लिए वैल्यू क्रिएट करने में यकीन करते हैं। छोटे किसान, स्थानीय और क्षेत्रीय आपूर्तिकर्ता, महिला उद्यमी और छोटे किराना व्यापारी ये सभी हमारे सहयोगी के तौर पर काम कर रहे हैं और वालमार्ट इंडिया की कारोबारी रणनीति में ये सभी अहम हैं। वालमार्ट और फ्लिपकार्ट की साझेदारी न केवल इन सहयोगियों के कारोबार को ऊंचाई देगी बल्कि सरकार के मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों में भी सहायक होगी। भारत में जिस तरह से समाज में बदलाव दिख रहे हैं उसमें फ्लिपकार्ट और वालमार्ट की यह साझेदारी काफी महत्वपूर्ण हो गई है। देश में ई-कॉमर्स का तेज विस्तार हो रहा है। ई-कॉमर्स में फ्लिपकार्ट की तरफ से इस्तेमाल किए गए नए तौर तरीकों ने ग्राहकों को आकर्षित किया है। इसलिए दोनों कंपनियां साथ मिलकर देश में नौकरियों के अवसर पैदा करने से लेकर छोटे कारोबारियों और किसानों के लिए बाजार का विस्तार जैसे मौके पैदा करने में अहम भूमिका निभाएंगी।
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