प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख समुदाय के नौवें गुरु तेग बहादुर सिंह की 400वीं जयंती (प्रकाश पर्व) मनाने के लिए आज गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्च-स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘बीती चार शताब्दियों में भारत का कोई भी समय या कोई भी दौर ऐसा नहीं रहा, जिसकी कल्पना हम गुरु तेगबहादुर जी के प्रभाव के बिना कर सकते हों. सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर के 400वें ‘प्रकाशोत्सव’ का अवसर एक राष्ट्रीय कर्तव्य है.’
पीएम मोदी ने कहा, “नौवें गुरु के तौर पर हम सभी उनसे प्रेरणा पाते हैं. नौवें गुरु ने राष्ट्र सेवा के साथ जीव सेवा का मार्ग दिखाया और समानता, समरसता और त्याग का मंत्र दिया, जिनका पालन करना और जन-जन तक पहुंचाना सभी का कर्तव्य है.
गुरुनानक देव जी से लेकर गुरु तेगबहादुर जी और फिर गुरु गोविन्द सिंह जी तक, हमारी सिख गुरु परंपरा अपने आप में एक पूरा जीवन दर्शन रही है. हमें गुरु तेगबहादुर जी के जीवन और शिक्षाओं के साथ ही पूरी गुरु परंपरा को भी दुनिया तक ले जाना चाहिए.”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “गुरु तेग बहादुर के प्रकाशोत्सव का अवसर एक आध्यात्मिक सौभाग्य भी है और एक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है. इसमें हम अपना कुछ योगदान दे सकें, यह गुरु कृपा हम सब को मिली है.” उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया अगर जीवन को समझना चाहे तो गुरुओं के जीवन को देखकर आसानी से समझ सकती है. उनके जीवन में त्याग भी था और ज्ञान भी, प्रकाश भी था और आध्यात्मिक ऊंचाई भी.”
उन्होंने आगे कहा, “कैसे सिख समाज सेवा के इतने बड़े-बड़े काम कर रहा है? कैसे हमारे गुरुद्वारे मानव सेवा के जागृत केंद्र हैं? ये संदेश अगर हम पूरी दुनिया तक ले जाएंगे तो मानवता को बहुत बड़ी प्रेरणा दे सकेंगे.”
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाने का फैसला किया था. इसे लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और देशभर के कई गणमान्य लोग इस समिति के सदस्य हैं. यह समिति देश और दुनिया में गुरु तेग बहादुर की शिक्षा और उनके विचारों का प्रचार-प्रसार करने के लिए नीति और योजना बनाएगी.
प्रधानमंत्री ने साल भर होने वाले आयोजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़े जाने का आह्वान करते हुए कहा कि इनसे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने इस बारे में रिसर्च करने और डॉक्युमेंट्स तैयार करने का आग्रह करते हुए गुरु परंपरा को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने की अपील की. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की गई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित समिति के अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया.