स्मृति अपनी नेतृत्व क्षमता को कई मौकों पर साबित कर चुकी हैं. वह गुजरात से न सिर्फ राज्यसभा सांसद हैं बल्कि गुजराती भी अच्छी जानती हैं. गुजरात चुनाव प्रचार में वह कई बार दिखाई दीं. स्मृति मोदी-शाह के भरोसेमंद नेताओं में से हैं. इन्हीं सब वजहों से सूत्र स्मृति के नाम को इस दौड़ में सबसे आगे बता रहे हैं. सीएम पद के इस रेस में दूसरे स्थान पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग और शिपिंग के राज्य मंत्री मनसुख मांडविया का नाम है. मांडविया पाटीदार समुदाय से आते हैं और जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं.

गुजरात में बीजेपी की जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित पार्टी हेडक्वॉर्टर में कार्यकर्ताओं को जोश के साथ संबोधित किया. अमित शाह का भी जबर्दस्त स्वागत किया गया लेकिन कार्यकर्ताओं के बीच इस जीत के बाद भी एक अजीब सी खामोशी दिखाई दी. इसे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी समझ रहा है. आने वाले वक्त में वह इसपर मंथन भी करेगा. यह भी साफ है कि मोदी-शाह इस जीत को बड़ी जीत न मानकर महत्वपूर्ण जीत मान रहे हैं. अब 2019 की लड़ाई में उतरने से पहले मोदी गुजरात में कोई चूक नहीं होने देना चाहेंगे.