प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सूरत आबादी के लिहाज से एक तरफ देश का आठवां बड़ा शहर है, लेकिन दुनिया का चौथा सबसे विकसित होता शहर भी है. दुनिया के हर 10 हीरों में से 9 सूरत में तराशे जाते हैं. गुजरात के शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी बीते वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है. विशेष रूप से गांव में सड़क, बिजली और पानी की स्थिति में बीते 2 दशकों में जो सुधार आया है. वो गुजरात की विकास यात्रा का बहुत अहम अध्याय है.
अहमदाबाद मेट्रो प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में कुल 28.25 किलोमीटर की लंबाई के दो कॉरिडोर होंगे. पहला कॉरिडोर मोटेरा स्टेडियम से महात्मा मंदिर तक होगा और इसकी कुल लंबाई 22.83 किलोमीटर होगी, जबकि दूसरा कॉरिडोर जीएनएलयू से गिफ्ट सिटी तक होगा और इसकी कुल लंबाई 5.41 किलोमीटर होगी, जिसकी कुल लागत 5384.17 करोड़ रुपये की होगी.
वहीं, सूरत मेट्रो रेल परियोजना की कुल लंबाई लगभग 40.35 किलोमीटर होगी, जिसमें दो कॉरिडोर होंगे. इसके सरथना से ड्रीम सिटी तक के कॉरिडोर की कुल लंबाई 21.61 किलोमीटर है, जिसमें से 6.47 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत और 15.14 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटिड होगा. दूसरा कॉरिडोर भेसन से सरोली लाइन का है, जो 18.74 किलोमीटर लंबा है.
गुजरात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लगातार दूसरे दिन तोहफा दिया. पीएम मोदी ने आज अहमदाबाद मेट्रो प्रोजेक्ट के दूसरे चरण और सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भूमि पूजन किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अलावा राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तरायण की शुरुआत में आज अहमदाबाद और सूरत को बहुत ही अहम उपहार मिल रहा है. कल ही केवड़िया के नए रेल मार्ग और नई ट्रेनों की शुरुआत हुई है. अहमदाबाद से भी आधुनिक जन शताब्दी एक्सप्रेस अब केवड़िया तक जाएगी. आज अहमदाबाद में 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम शुरू हो रहा है. ये दिखाता है कि कोरोना के इस काल में भी नए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर देश के प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अहमदाबाद के बाद सूरत गुजरात का दूसरा बड़ा शहर है जो मेट्रो जैसे आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ेगा. सूरत में मेट्रो नेटवर्क एक प्रकार से पूरे शहर के महत्वपूर्ण व्यापारी केंद्र को आपस में कनेक्ट करेगा. आज हम शहरों के transportation को एक इंटीग्रेटेड सिस्टम के तौर पर विकसित कर रहे हैं. यानी बस, मेट्रो, रेल सब अपने अपने हिसाब से नहीं दौड़ें, बल्कि एक सामुहिक व्यवस्था के तौर पर काम करें, एक दूसरे के पूरक बनें.