अहमदाबाद, गुजरात के पटेल परिवार के चार सदस्य की कनाडा से अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने के दौरान हुई मौत की मामले में जांच के लिए गुजरात की टीम कनाडा के विनीबैग पहुंची है। उधर इस परिवार को अवैध तरीके से प्रवेश कराने वाले एजेंट को जमानत पर छोड़ दिया गया है। गुजरात की गांधीनगर जिले के डिंगुचा गांव से कनाडा पहुंचे इस परिवार के अमरीकी सीमा पर बर्फबारी का शिकार हुए चार सदस्यों की मौत की पुष्टि के लिए पुलिस डीएनए टेस्ट करायेगी। गांधीनगर के कलेक्टर कुलदीप आर्य नहीं बताया कि मंगलवार तक भी मृतकों के संदर्भ में अधिकारी ग्रुप से कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
अवैध तरीके से सीमा पार करने के आरोप में भारत में अभी तक सात एजेंट को गिरफ्तार किया जा चुका है। कनाडा से अवैध तरीके से अमरीका में प्रवेश करने का जिम्मा संभाल रहे थे एजेंट स्टीव शेन्ड को मिनीसोटा कोर्ट ने जमानत पर छोड़ दिया है। स्टीव अमरीकी प्रांत फ्लोरिडा रहने वाला है। उसे मिनीसोटा कोर्ट ने शहर नहीं छोड़ने, इस केस से जुड़े यात्रा दस्तावेज सौंपने व जांच में मदद जैसी शर्त पर जमानत दी है।
खबर यह भी आ रही है कि इसी गांव से अब तक कई परिवार इसी तरह अवैध तरीके से सीमा पार कर अमरीका में जा बस हैं। एक परिवार के तीन सदस्य से भी लंबे समय से संपर्क नहीं होने की बात सामने आई है। कुछ समय पहले ही यह परिवार भारत से टर्की के लिए रवाना हुआ था। अमरीका ब्रिटेन आस्ट्रेलिया यूरोप आदि देशो में जाना गुजरातियों का हमेशा सपना रहा है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो सबसे अधिक अमरीका में 44 लाख 60,000 भारतीय बसे हैं। इसके बाद यूएई में 34 लाख, मलेशिया में 29 लाख, म्यांमार में 20 लाख, यूके में 17 लाख, कनाडा में 17 लाख तथा दक्षिण अफ्रीका में करीब 16 लाख भारतीय जा बसे हैं। गुजरात के कमी गांवों की पहचान एनआरआइ गांव के रूप में बनती जा रही है। चरोतर इलाके के कई गांव ऐसे हैं जहां पर अब सिर्फ बुजुर्ग नजर आते हैं युवा लोगों की संख्या
गिनी चुनी ही रह गई। ऐसे ही एक गांव धर्म में विदेशी बैंकों की कई शाखाएं मौजूद है। गुजरात
में विदेश में जाकर बसना ईद स्टेटस सिंबल भी बन गया है। सामाजिक प्रतिष्ठा तथा वैभवशाली
जीवन शैली की इच्छा से लोग अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन तथा यूरोपीय देशों में जाते हैं। आनंद
के ही कल्पेश पटेल खुद बताते हैं कि वह करीब 20 साल तक अवैध तरीके से अमेरिका में रहे
और करोड़ों रुपए कमाए। उन्हें किन दो दशक में अमेरिका में कई परिवार ऐसे मिले जो
गैरकानूनी तरीके से वहां रह रहे थे।
चरोतर की ही पिंकी पटेल (नाम बदला) ने अमेरिका जाने के लिए अपने से दोगुनी उम्र के
एनआरआई गुजराती से विवाह कर लिया। आज उनके दो बच्चे हैं तथा अब यह परिवार सुखी
संपन्न परिवार बन गया है। पटेल समुदाय में विदेशों में बसे परिवारों के प्रति खासा आकर्षण है,
इसकी वजह से गुजरात से विदेश जाना कर बसने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। पाटीदार समाज में
लड़कियों का विवाह एनआरआइ लड़के से करना पहली पसंद होता है ताकि लड़की विदेश जाकर
अच्छा जीवन बिता सके।