गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है, लेकिन पाटीदार नेताओं और कांग्रेस के बीच बात बनती नजर नहीं आ रही है.
शुक्रवार को जब पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (PAAS) के नेता दिल्ली पहुंचे थे, तो उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि पाटीदार नेता कांग्रेस को समर्थन देंगे या नहीं. हालांकि शाम होते-होते पाटीदार नेताओं ने बयान दिया कि वो कांग्रेस को 24 घंटे का अल्टीमेटम दे रहे हैं.
दरअसल, PAAS के नेताओं का यह भी आरोप है कि हाई कमान से मुलाक़ात के नाम पर गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह ने उन्हें दिल्ली बुलाया था, लेकिन मुलाकात की बात तो दूर, अब वो खुद ही गायब हैं और फोन तक नहीं उठा रहे हैं. पाटीदार नेताओं ने कहा कि शुक्रवार को पुरा दिन भरत सिंह ने उनको दिल्ली स्थित गुजरात भवन में बिठाए रखा.
इससे आहत पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति की मीटिंग करने पहुंचे पाटीदार नेता दिनेश बामनिया ने कहा कि कांग्रेस को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब 24 घंटे में कांग्रेस अपना रुख साफ करे. बामनिया ने कहा कांग्रेस पाटीदारों के साथ मजाक कर रही है.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने आजतक से फोन पर बातचीत में कहा कि कम्यूनिकेशन गैप कि वजह से हुआ ऐसा हुआ है. कांग्रेस पाटीदारों के साथ हर तरह से बातचीत करने के लिए तैयार है. कांग्रेस अगले 24 घंटे में सभी मनमुटाव को मिटाने की पूरी कोशिश करेगी.
उधर, गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि PAAS और कांग्रेस एक-दूसरे का इस्तेमाल अपने मतलब के लिए कर रहे हैं. कांग्रेस पाटीदार का इस्तेमाल कर रही है और PAAS के नेता इसलिए दिल्ली गए, क्योंकि उनको कांग्रेस के टिकट चाहिए. ये कांग्रेस पर दबाव बनाकर टिकट लेना चाहते हैं.