पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में महंगाई की मार ने आम जनता की कमर तोड़कर रख दी है। बढ़ती महंगाई के खिलाफ अब लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान में जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध-प्रदर्शन
पाकिस्तानी अखाबर डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, गिलगित-बाल्टिस्तान के सभी जिलों में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन में लोग शामिल हो रहे हैं, जिसके चलते यातायात भी निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा गिलगित, स्कर्दू, डायमर, घाइजर, एस्टोर, शिघर, घनचे, खरमंग और हुंजा के विभिन्न इलाकों में दुकानें, बाजार, रेस्टोरेंट और व्यापार केंद्र शुक्रवार को बंद रहे।
डॉन के अनुसार, अवामी एक्शन कमेटी ने व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और होटल मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघों के परामर्श से हड़ताल का आह्वान किया है।
इंटरनेट सेवाओं को किया बंद
पाकिस्तान के इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट एंड इकोनॉमिक अल्टरनेटिव्स की शोधकर्ता मरियम एस खान ने कहा कि पीओके के सबसे बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर, स्पेशल कम्युनिकेशंस ऑर्गनाइजेशन ने गिलगित-बाल्टिस्तान में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।
वहीं, एक एक्स यूजर ने सीनेटर फरहतुल्ला बाबर ने बताया कि गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां लोगों के पास अपनी जमीन नहीं है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अवामी एक्शन कमेटी ने घोषणा की है कि बढ़ती महंगाई के खिलाफ गिलगित और स्कर्दू की ओर मार्च आज से शुरू होगा।
गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार को दी चेतावनी
लोगों ने गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार के सब्सिडी वाले गेहूं की दर बढ़ाने के फैसले की निंदा की और इसे मुख्यमंत्री की विफलता करार दिया। उन्होंने आगे चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो काराकोरम राजमार्ग को बंद कर दिया जाएगा।