नयी दिल्ली: गाजियाबाद में समाजवादी सरकार के समय बनाया गए हज हाउस को जिला प्रशासन ने मंगलवार को सील कर दिया. प्रशासन ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर इसे सील किया है. एनजीटी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हज यात्रियों के लिए बनी इमारत को ध्वस्त करने की मांग वाली एक अर्जी खारिज कर दी है और कहा है कि ढांचा हिंडन नदी के बाढ़ क्षेत्र में नहीं आता.
बता दें कि याचिकाकर्ता ने यह दावा करते हुए याचिका दायर की थी कि जिस जमीन पर हज हाउस का निर्माण हो रहा है वह गाजियाबाद के अर्थला गांव के राजस्व रिकार्ड में हिंडन नदी के तौर पर दर्ज है. पीठ ने कहा, बाढ़ क्षेत्र का ऐसी कोई भौतिक विशेषता या अन्य ब्योरा हमारे समक्ष उपलब्ध नहीं कराया गया जो कि उक्त जमीन को बाढ़ क्षेत्र के तौर पर दर्शाये.
यह तथ्य कि जमीन 1970 में तटबंध के निर्माण से नदी हिंडन से अलग हुआ था, अब यह दलील स्वीकार करना बहुत मुश्किल बनाता है कि वह हिंडन नदी के बाढ़ क्षेत्र में आती है. हरित अधिकरण ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश हज हाउस कमेटी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि घरेलू मलजल के शोधन के लिए वहां 136 किलोलीटर प्रतिदिन का शोधन करने वाला एक मलजल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाए.
एनजीटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परिसर का एक सप्ताह के भीतर दौरा करेगा और यदि वहां विशिष्ट क्षमता का कोई मलजल शोधन संयंत्र नहीं मिला तो हज हाउस को सील कर दिया जाएगा. अर्जी के अनुसार हज हाउस का निर्माण उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा सभी प्राधिकारियों को इस बारे में जारी निर्देशों का पूर्ण उल्लंघन है कि बाढ़ क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण की इजाजत नहीं दी जाए.