ज्यादातर हम टमाटर का प्रयोग सब्जी बनाने में ही प्रयोग करते हैं. लेकिन इसको कच्चा खाने और इसका सूप पीने के भी अनेक लाभ हैं। जानिए टमाटर से होने वाले कुछ ऐसे ही लाभ।
गर्मी से बचाव- प्रात: टमाटर का रस पीने से गर्मी शांत रहती है। गर्मी से जी नहीं घबराता। कमजोरी में टमाटर का रस पीते रहना लाभदायक है। टमाटर शक्ति और सौन्दर्य का भंडार है। खाद्य पदार्थों का सेवन उनकी प्राकृतिक अवस्था में करने से लाभ अधिक होता है। टमाटर, गाजर, मूली कच्ची ही खाना अधिक लाभदायक है। रोज थोड़े से काजू खाने से होते हैं ये चमत्कारी फायदें…
सलाद- टमाटर, गाजर, मूली, खीरा प्याज आदि में से जो भी मिले, उन्हें काटकर धनिया, पोदिना, काला नमक, नीबू, नीबू के बदले ताजा दही, मीठा करने के लिए प्याज के स्थान पर कच्चा नारियल, गुड़ या शहद मिलाकर 100 ग्राम खाने से पौष्टिक भोजन मिल जाता है। दोपहर के भोजन में सलाद खानी चाहिए। टमाटर से अधिकारिक लाभ लेने के लिए इसे सलाद में खाएं।
चूना- चूना टमाटर में अन्य फल-सब्जियों की अपेक्षा अधिक पाया जाता है। चूना हड्डियों को मजबूत बनाता है। दातों एवं हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी है।
लोहा- टमाटर में लोहा तत्व बहुत अधिक परिमाण में पाया जाता है। गर्भावस्था में लौह तत्व की प्रतिदिन आवश्यकता होती है। टमाटर का सेवन इसलिए लाभदायक है। टमाटर में लोहा अंडे से पांच गुना अधिक होता है। एक गिलास टमाटर का रस पीने से रक्तहीनता दूर होकर रक्त-वृद्धि होती है।
चेहरे के काले दाग धब्बे, झांइयां मुंहासे- टमाटर का रस 100 ग्राम, पालक का रस 100 ग्राम, शहद 50 ग्राम या आवश्यकता अनुसार, सभी को मिलाकर प्रात: काल खाली पेट नित्य पीने से त्वचा के दाग-धब्बे, मुंहासे, झांइयां आदि दूर होकर मुखड़ा टमाटर के समान सुर्ख हो जाता है। इस प्रयोग के आगे सारे सौंदर्यप्रसाधन पूर्णत: विषाक्त हैं। लाल टमाटर काट कर, पिसी हल्दी बुरककर नित्य तीन बार चेहरे को मलें। 15 मिनट बाद धोएं।
सौंदर्यवर्धक- टमाटर के रस में नीबू के रस की कुछ बूंदे मिलाकर चेहरे पर लगाएं और इससे चेहरा रगड़कर 15 मिनट बाद धोएं। चेहरा साफ होकर मुलायम व चमकदार हो जाएगा।
दमा- टमाटर फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। जो लोग दमा (अस्थमा) या अन्य किसी श्वास रोग से पीड़ित हों, उनके लिए टमाटर रामबाण हैं।
मधुमेह- इसके लिए टमाटर बुहत लाभदायक है। टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा घटती है। मूत्र मे शक्कर जाना धीरे धीरे कम हो जाता है।