गरुड़ पुराण: मनुष्य की मृत्यु के बाद कैसे तय होती है उसकी अगली योनि, जानिए….

गरुड़ पुराण के मुताबिक प्रत्येक मनुष्य की मृत्यु के पश्चात् उसका फिर से जन्म होता है। ये जन्म मरण का सिलसिला तब तक चलता रहता है, जब तक कि मनुष्य को मोक्ष न मिल जाए। गीता में भी प्रभु श्री श्रीकृष्ण ने बताया है कि जिस प्रकार मनुष्य अपने वस्त्र को बदलकर नए वस्त्र धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा भी एक शरीर बदलकर नया शरीर धारण करती है। मगर ऐसे में एक प्रश्न अक्सर जेहन में आता है कि आखिर मृत्यु के पश्चात् आत्मा को नया शरीर कैसे मिलता है? कैसे तय होती है उसकी अगली योनि ? यहां जानिए इस बारे में क्या कहता है गरुड़ पुराण।।।

1- गरुड़ पुराण के मुताबिक, जो इंसान परायी स्त्री से संबंध बनाता है, उसे घोर नर्क को झेलना पड़ता है। इसके पश्चात् उसे भेडि़या का शरीर मिलता है। इसके पश्चात् कुत्ता, फिर सियार, गिद्ध्, सांप, कौआ तथा आखिरी में बगुले का जन्म मिलता है। इतनी योनियों में जीने के पश्चात् वो इंसान की योनि में जाता है।

2- जो मनुष्य सोने की चोरी करता है, उसे कीड़ा मकोड़ा बनाया जाता है तथा जो चांदी चुराता है, उसे कबूतर का जन्म मिलता है।

3- पिता समान बड़े भाई का अनादर करने वाले को 10 वर्षों तक कौंच नामक पक्षी की जिंदगी जीना पड़ता है। इससे पाप मुक्त होने के पश्चात् ही वो वापस इंसान की योनि में आता है।

4- जो मनुष्य अपने पितरों तथा देवी देवताओं को संतुष्ट किए बगैर ही अपने प्राण त्याग देता है, उसे 100 सालों तक कौए की योनि में रहना पड़ता है। इसके पश्चात् वो मुर्गा बनता है तथा फिर एक माह के लिए सांप की योनि में जिंदगी गुजारता है। आखिर में उसे इंसान की योनि प्राप्त होती है।

5- जो मनुष्य शस्त्र से किसी का क़त्ल करता है, उसे पहले नर्क के कष्ट भोगने पड़ते हैं, इसके पश्चात् वो गधा बनता है। फिर हिरन बनता है तथा स्वयं भी शस्त्र द्वारा ही मारा जाता है। इसके पश्चात् मछली, फिर कुत्ता ​और आखिर में बाघ बनने के पश्चात् इंसान योनि प्राप्त करता है।

6- कपड़े को चुराने वाला मनुष्य तोता तथा सुगंधित पदार्थों की चोरी करने वाला छछूंदर बनाया जाता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com