72वें गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में इस बार देश की धर्म-संस्कृति की झलक दिखाई देगी। झांकी में अयोध्या का श्रीरामजन्मभूमि मंदिर, उत्तराखंड का केदारनाथ मंदिर, दिल्ली का गौरीशंकर मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारा, बेपिस्ट सेंट्रल चर्च और दिगंबर लाल जैन मंदिर के जरिये गंगा-जमुनी तहजीब पेश की जाएगी। गुजरात के मोढेरा का सूर्य मंदिर, पंजाब की झांकी में श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व प्रदर्शित किया जाएगा। दक्षिण भारत से तमिलनाडु का शोर मंदिर भी झांकी में दिखाई देगा।
18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने परेड में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियों का प्रदर्शन किया। यहां तैयारियों में लगे उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि अयोध्या हमारे लिए पवित्र नगरी है और राममंदिर हर आस्थावान के लिए श्रद्धा का विषय है। इस प्राचीन नगरी की प्राचीन विरासत की झांकी का प्रदर्शन होगा। गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज अयोध्या के दीपोत्सव को भी राजपथ पर दिखाया जाएगा। झांकी के प्रथम भाग में जहां महर्षि वाल्मीकि को रामायण की रचना करते हुए प्रदर्शित किया गया, वहीं निचले हिस्से में भगवान राम का निषादराज को गले लगाना, शबरी के बेर खाना, संजीवनी बूटी लाना आदि दिखाया गया है। दिल्ली की झांकी में शाहजहांनाबाद पुनर्विकास के कार्य को दिखाया गया है। दिल्ली की झांकी के प्रथम भाग में लाल किले को प्रदर्शित किया गया है। जायकों के लिए मशहूर चांदनी चौक को गोलगप्पे के जरिये दर्शाने की कोशिश की गई है।
पहले करते थे रावण का रोल अब राम के रूप में आएंगे नजर
राजपथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी इसलिए खास है क्योंकि वर्षों के इंतजार के बाद अयोध्या के जिस श्रीराम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है उसकी प्रतिकृति राजपथ पर दिखाई देगी। खास बात यह होगी कि उत्तर-प्रदेश के ही कलाकार इस झांकी में अपनी प्रस्तुति देंगे। राम का किरदार निभा रहे अजय कुमार की कहानी भी रोचक है। पीली रेशमी धोती और रुद्राक्ष की माला धारण कर भगवान राम का स्वरूप धरने वाले अजय कुमार कहते हैं कि मैं बहुत खुश हूं कि अयोध्या की विरासत यूपी के शोकेस में दिखेगी और मैं राम के रूप मे रहूंगा। चंदौली के लक्ष्मणगढ़ निवासी अजय कुमार बताते हैं कि बीते वर्ष अयोध्या की रामलीला में उन्होंने राम का किरदार निभाना शुरू किया तो प्रभु राम की कृपा से राजपथ की परेड के दौरान झांकी में उन्हें श्रीराम के किरदार निभाने का मौका मिला है। इससे पूर्व छह वर्षों तक विभिन्न राज्यों की रामलीलाओं में रावण का किरदार निभाते रहे थे।