उत्तरकाशी: अब आप गंगोत्री हिमालय के किसी भी ट्रैक अथवा पर्यटन स्थल की सैर आपदा प्रबंधन कार्यालय से मौसम विभाग के पूर्वानुमान की एनओसी लिए बगैर नहीं कर सकेंगे। पूर्व के अनुभवों को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही ट्रैकरों को शपथ पत्र और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी संबंधित अधिकारियों को देना होगा। जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने क्षेत्र में आवागमन करने वाले ट्रैकरों एवं अन्य पर्यटकों की सूचना भी जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय को देने को कहा है। 
जिला सभागार में उत्तरकाशी वन प्रभाग, गंगोत्री नेशनल पार्क व गोविंद वन्य जीव विहार के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि चाईंशिल, केदारकांठा, हरकीदून आदि ट्रैक पर जाने वाले ट्रैकरों की सूचना उन्हें संबंधित उपजिलाधिकारी को अनिवार्य रूप से देनी होगी।
उन्होंने केदारताल, गोमुख, नेलांग, डोडीताल, हरकीदून, चाईंशिल आदि ट्रैकों पर बीते पांच वर्षों में हुई घटनाओं की संपूर्ण जानकारी देने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने सूचनाओं के आदान-प्रदान को वन विभाग, जिला पर्यटन विभाग व आपदा प्रबंधन विभाग के वाट्सएप ग्रुप बनाने को भी कहा।
जिलाधिकारी ने एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) व वन विभाग को यह भी हिदायत दी कि गोमुख जाने वाले श्रद्धालुओं एवं ट्रैकरों की सुरक्षा के मद्देनजर वहां रोप की व्यवस्था की जाए। ताकि श्रद्धालु एवं ट्रैकर सुरक्षित नदी पार कर सकें। उन्होंने उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क को गर्तांगली रूट शीघ्र दुरुस्त करने को भी कहा।
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