इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोरोना मरीजों के लिए तैयार की गई सैफई चिकित्सा विवि की राजनिर्वाण बटी को बनाने की हरी झंडी दे दी है। एलोपैथ और आयुर्वेद के घटक से तैयार इस एलोवैदिक बटी का कोरोना के गंभीर मरीजों पर प्रयोग सफल रहा है।
मंगलवार को प्रेसवार्ता में चिकित्सा विवि के कुलपति कुलपति प्रो. राजकुमार ने बताया कि पहले चरण में यह दवा केवल कोविड-19 अस्पतालों के लिए बनाई जाएगी।
बाजार में इसकी उपलब्धता अगले चरण में हो सकेगी। कुलपति प्रोफेसर राजकुमार ने बताया कि उन्होंने ऋषिकेश के आयुर्वेदाचार्य योगीराज निर्वाण देव के साथ मिलकर शोध करके राजनिर्वाण बटी तैयार की है।
आयुर्वेद के 12 और एलोपैथ के 1 घटक को मिलाकर पहले काढ़ा तैयार किया गया। सकारात्मक परिणाम आने के बाद इसे बटी के रूप में बनाया गया।
इसका कोरोना संक्रमित 40 गंभीर मरीजों पर परीक्षण किया गया। इसमें 9 मरीज 60 वर्ष की ऊपर के उम्र वाले और 8 मरीज दमा, शुगर, कैंसर और दिल की बीमारी से ग्रसित थे।
बटी देने के बाद 26 मरीजों की रिपोर्ट पांचवें दिन निगेटिव आ गई। चार मरीज 10वें दिन ठीक हो गए और बाकी दस मरीजों का उपचार चल रहा है। यह रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी गई तो वहां से दवा बनाने की अनुमति मिली है।
उन्होंने बताया कि दवा की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री को दी गई है। उन्होंने इसे कोविड-19 अस्पतालों के लिए तैयार करने को कहा है। संक्रमितों की संख्या घटने के साथ दवा को बनाने में लग रहे घटकों की उपलब्धता के हिसाब से इसे बाजार के लिए भी तैयार किया जाएगा।
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