नई दिल्ली: की जाँच रिपोर्ट में पंचकुला हिंसा का पूरा सच सामने आ गया है। साजिश के तहत पहले राम रहीम के बरी होने की झूठी खबर फैलाई गयी लेकिन जैसे ही सजा मिलने की सच्चाई का पता चला समर्थक भड़क गए। इस रिपोर्ट में इसका भी खुलासा हुआ कि समर्थकों को हनीप्रीत और उसके साथियों ने कैसे बहकाया था। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार 17 अगस्त की रात को सिरसा डेरे में बैठक हुई थी। इस बैठक में 35 लोग मौजूद थे। ये सभी 45 लोगों की कमिटी के हिस्सा थे। इस बैठक में आदित्य इंसा और हनीप्रीत इंसा मुख्य थे।
दोषी करार दिए जानें पर फैलाई जाएगी हिंसा
यह बैठक इसलिए बुलाई गयी थी कि राम रहीम के कोर्ट फैसले के बाद क्या करना है। पुलिस के अनुसार इस बैठक में यह फैसला लिया गया था कि अगर साध्वियों से बलात्कार के मामले में राम रहीम को दोषी करार दिया गया तो, हिंसा फैलाई जाएगी। अगर फैसला राम रहीम के पक्ष में होता तो जश्न मनाते हुए जुलुस के साथ वापस चले जाते। पुलिस के अनुसार इस बैठक में 25 अगस्त की रूपरेखा तय की गयी और राम रहीम की तरफ से निर्देश जरी किये गए।
रिपोर्ट की मुख्य बातें
*- पंचकुला में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाई जाये, जिससे सरकार पर आसानी से दबाव बनाया जा सके।
*- चमकौर सिंह जो पंचकुला नाम चर्चा घर का कर्ता-धर्ता है उसे मुख्य रूप से बुलाया गया था। वह पंचकुला से पूरी तरह से वाकिफ था। भीड़ को खाने-पीने का ख़याल चमकौर सिंह को रखना था।
*- आदित्य इंसा और पवन इंसा को पंचकुला में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी दी गयी।
*- MSG के CEO सीपी अरोड़ा को पैसों का इंतज़ाम करने के लिए कहा गया था।
*- सूत्रों के अनुसार बैठक में जो भी लोग शामिल थे, उन सभी के मोबाइल की लोकेशन सिरसा के डेरे की ही मिली हैं।
हनीप्रीत का ही था भीड़ इकठ्ठा करने का आईडिया
बैठक में आने वाले लोगों से यह कहा गया था कि 20 अगस्त से ही पंचकुला में भीड़ इकट्ठी होनी चाहिए। पुलिस के अनुसार हनीप्रीत ने ही पंचकुला में भीड़ को इकठ्ठा होने का आईडिया दिया था। पहली योजना के अनुसार अगर राम रहीम को दोषी करार दिया जाता तो उसकी निजी सुरक्षा उसे पुलिस की गिरफ्त से बाहर निकाल ले जाती। अगर राम रहीम को बरी कर दिया जाता तो भीड़ रोड शो करते हुए वापस आती।