केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के गठन से पहले ही काला धन का मसला रह रहकर उठता रहा है। विदेशों में बड़े पैमाने पर जमा देश के इस कालेधन को वापस लाए जाने और आरोपियों का नाम उजागर करने की बात पर कई बार हंगामा होता रहा है। कालेधन की यह माया राहुल बाबा से लेकर मायावती तक को शोर मचाने पर मजबूर करती रही है। इस धन के पीछे नेता तो पड़े ही है यह धन बाबा की आंखों में खटकता रहा। अब एनसीपी नेता के यहां अरबों की बेनामी संपत्ति मिलने से शोर मचने लगा है। कालेधन का यह सांप फन फैलाकर फुफकार रहा है।
अब तो आयकर वाले भी हैरान होने लगे हैं। नेताओं की बेहिसाबी संपत्ति देखकर उन्हें भी अचरज होता है, वे भी हैरान हैं कि आखिर कितना धन देश के हिस्से में आएगा,हां उन्हें खुशी इस बात की जरूर होती है कि एक दिन तो बैठे – बैठे नोट गिनने के लिए मिले। कहा जाता है कि ढूंढने से चिराग भी मिल जाता है, मगर काले धन और बेनामी संपत्ति केआंकलन में लगे अधिकारियों के लिए यह काम चिराग ढूंढने से भी मुश्किल हो रहा है। काली कमाई को सफेद करने के फेरे में भी नेताओं को कई तरह के काम करने पड़ रहे हैं।