क्या आप जानते है कि एक नहीं पांच बार बदल चुका है भारत का झंडा

किसी भी देश का झंडा उसकी आजादी का प्रतीक होता है। आपको यह जानकर बड़ा ही आश्चर्य होगा हमारे देश के झंडे को एक बार नहीं बल्कि पांच बार बदला गया है। इसकी कहानी बड़ी ही दिलचस्प है।क्या आप जानते है कि एक नहीं पांच बार बदल चुका है भारत का झंडा

देश का झंडा उसकी आजादी का प्रतीक

flag-1_LafdaTV-300x186

प्रथम राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्तर 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता में फहराया गया था जिसे अब कोलकाता कहते हैं। इस ध्वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था।

flag-2_LafdaTV-300x186

द्वितीय ध्वज को पेरिस में मैडम कामा और 1907 में उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों द्वारा फहराया गया था (कुछ के अनुसार 1905 में)। यह भी पहले ध्वज के समान था सिवाय इसके कि इसमें सबसे ऊपरी की पट्टी पर केवल एक कमल था किंतु सात तार सप्तकऋषि को दर्शाते हैं। यह ध्वेज बर्लिन में हुए समाजवादी सम्मेसलन में भी प्रदर्शित किया गया था।

flag-3_LafdaTV-300x186

तृतीय ध्वज 1917 में आया जब हमारे राजनैतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड लिया। डॉ. एनी बीसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया। इस ध्वज में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्तकऋषि के अभिविन्यास में इस पर बने सात सितारे थे। बांयी और ऊपरी किनारे पर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।

flag-4_LafdaTV-300x186

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र के दौरान जो 1921 में बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में किया गया यहां आंध्र प्रदेश के एक युवक ने एक झंडा बनाया और गांधी जी को दिया। यह दो रंगों का बना था। लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्वक करता है। गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्वि करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्ट्र की प्रगति का संकेत देने के लिए एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए।

क्या आप जानते है कि एक नहीं पांच बार बदल चुका है भारत का झंडा

वर्ष 1931 ध्वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष है। तिरंगे ध्वज को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्तावव पारित किया गया। यह ध्वज जो वर्तमान स्वररूप का पूर्वज है, केसरिया, सफेद और मध्य में गांधी जी के चलते हुए चरखे के साथ था। तथापि यह स्पष्ट रूप से बताया गया इसका कोई साम्प्रदायिक महत्व नहीं था और इसकी व्याख्या इस प्रकार की जानी थी।

flag-6_LafdaTV-300x186

22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे मुक्ते भारतीय राष्ट्री य ध्वज के रूप में अपनाया। स्वकतंत्रता मिलने के बाद इसके रंग और उनका महत्वस बना रहा। केवल ध्वज में चलते हुए चरखे के स्थान पर सम्राट अशोक के धर्म चक्र को दिखाया गया। इस प्रकार कांग्रेस पार्टी का तिरंगा ध्वज अंतत: स्वतंत्र भारत का तिरंगा ध्वज बना।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com