भारतीय एकदिवसीय और टी-20 टीम के नए कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि वह आगे आने वाली तमाम जिम्मेदारियों के लिए तैयार हैं। कोहली ने साथ ही कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि टीम के निवर्तमान कप्तान महेन्द्र सिंह धौैनी अब खुलकर अपना स्वाभाविक खेल खेलेंगे।
इंग्लैंड के खिलाफ तीन एकदिवसीय श्रृंखला के रविवार को होने वाले पहले मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में कोहली ने कहा, “मुझे अब कई सारी जिम्मेदारियां लेनी हैं। मैं इस बात को बखूबी जानता हूं।”
कोहली ने कहा, “शायद क्योंकि मेरा खेल आक्रामक है। मुझे अपना खेल बदलने की जरुरत नहीं पड़ी। अगर मैं ऐसा करता तो मैं अपने खेल के साथ न्याय नहीं कर पाता और टीम में भी योगदान नहीं दे पाता, लेकिन अब एमएस (धौनी) के कंधो पर से भार उतर गया है, हमें उम्मीद है कि वह अब खुलकर खेलेंगे।”
भारत को इंग्लैंड के खिलाफ तीन एकदिवसीय और तीन टी-20 मैचों की श्रृंखला खेलनी है।
कोहली ने कहा कि वह टीम में सही संतुलन बनाने की कला धौनी से सिखेंगे।
कोहली ने कहा, “धौनी काफी सफल रहे हैं क्योंकि उन्हें सीखा है कि कब आक्रामक होना है और जब टीम दिक्कत में हो तो सही संतुलन कैसे बिठाना है। यह उनका सबसे मजबूत पक्ष है जिसे मैं सीखना चाहूंगा।”
कोहली ने कहा कि युवराज सिंह को टीम में वापस बुलाने के पीछे का कारण मध्यक्रम में धौनी के भार को कम करना था।
कोहली ने कहा, “अगर शीर्ष क्रम अच्छा नहीं कर पाता है तो आपके पास सिर्फ धौनी है और वह युवा खिलाड़ियों को सीखाते रहते है, अगर आपके पास बड़े टूर्नामेंट से पहले 10-15 मैच हैं तो यह अच्छी बात है।”
उन्होंने कहा, “आपको यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि आप जिन खिलाड़ियों को चुन रहे हो वह अच्छी फॉर्म में हों।”
कोहली ने कहा, “हमारे पास इस समय इतना समय नहीं है कि हम एक जगह के लिए खिलाड़ी तैयार करें क्योंकि बड़े टूर्नामेंट आने वाले हैं इसलिए हमने युवी को चुना। हमने रायडु के बारे में भी चर्चा की थी लेकिन वह चोटिल हैं। युवी ने घरेलू सत्र की अच्छी शुरुआत की थी इसलिए किसी और की जगह वह टीम में पहले होने थे।”
कोहली ने कहा कि टीम इन श्रंखलाओं को आने वाली आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी की तैयारी के रूप में देखेंगे।
उन्होंने कहा, “हम इन तीन मैचों को नॉकआउट मैच समझ रहे हैं क्योंकि हमें चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए तैयारी करनी है। टूर्नामेंट से पहले हमें सही लय में होने की जरूरत है। इसलिए हम श्रृंखला के पहले मैच से ही सर्वश्रेष्ठ खेलने की जरूरत है।”