कोविड का डबल म्यूटेंट वायरस बच्चों को भी कर रहा संक्रमण, ऐसे के लक्षण दिखे सामने

कोरोना की दूसरी लहर में डबल म्यूटेंट वायरस बच्चों को भी तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। बच्चों में भी ब़़डों ([वयस्क)] की तरह ही कोरोना महामारी के लक्षण आ रहे हैं। ऐसे में बच्चों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। ब़़डी संख्या में बच्चों के कोरोना की चपेट में आने से केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए गाइडलाइन जारी की है।

इसमें बताया गया है कि बच्चों में एसिम्टोमैटिक और हल्के लक्षण के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। बिना लक्षण वाले बच्चों को किसी तरह की उपचार की जरूरत नहीं है, लेकिन जिन बच्चों के गले में खरास, दर्द, कफ, सांस लेने में कोई परेशानी है तो डॉक्टर से परामर्श लेकर भर्ती करें। यदि इस तरह के लक्षण नहीं हैं तो होमआइसोलेशन में रखकर डॉक्टर के परामर्श पर इलाज शुरू करें। ग्वालियर में पिछले एक माह में करीब डे़़ढ हजार बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

बच्चों में इस तरह के लक्षण आ रहे सामने

बच्चों में भी ब़़डों की तरह सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, उल्टी–दस्त आदि की शिकायत आ रही है। जयारोग्य अस्पताल के बाल व शिशु रोग विशेषषज्ञ डॉ. अजय गौ़़ड का कहना है कि बच्चों में इस तरह के लक्षण आने पर उन्हें डॉक्टर के परामर्श पर तत्काल उपचार दें। बुखार आने पर 10 से 15 एमजी की पैरासिटामोल दवा दे सकते हैं।

संक्रमण की चपेट में आने का कारण

बाहर से जब कोई व्यक्ति घर पहुंचता है तो वह बच्चों व बुजुर्गो के संपर्क में न आए। घर में प्रवेश करने पर खुद को पूरी तरह से सैनिटाइज करे। बच्चे ब़़डों के संपर्क में आने से संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। घर में वायरस को लाने वाला बाहर से आने वाला घर का ही सदस्य होता है। यही कारण कि इस समय पूरा परिवार सिर्फ एक व्यक्ति की गलती से संक्रमित हो रहा है।

मामूली लक्षण के लिए घर में दें उपचार

विशेषषज्ञ का कहना है कि बच्चों को सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत है तो उन्हें होम आइसोलेशन में रखकर इलाज शुरू कर दें। बच्चों को विटामिन सी, विटामिन डी व जिंक जरूर दें, क्योंकि इनकी कमी से ही बच्चे बीमार प़़ड रहे हैं। साथ ही फल, हरी सब्जी, दूध व गुनगुने पानी का सेवन शुरू कर दें। बुखार आने पर पैरासिटामोल का प्रयोग करें। यदि बच्चे को गले में खरास, बदन दर्द, उल्टी–दस्त की शिकायत है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। ओआरएस का घोल, ग्लूकोज का पानी भरपूर मात्रा में दें।

 

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