अभी-अभी: कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ गए जज साहब, बोले-जब कोई हमारी बात नहीं सुनता तो अब...

अभी-अभी: कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ गए जज साहब, बोले-जब कोई हमारी बात नहीं सुनता तो अब…

New Delhi: इस साल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने वाली फिल्म Jolly LLB-2 तो शायद आपने देखी ही होगी। भारतीय कानून व्यवस्था के कई सारे पहलुओं से पर्दा हटाने वाली इस फिल्म का एक सीन आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करता है, जब फिल्म में जज बने सौरभ शुक्ला, वकील अन्नू कपूर के खिलाफ कोर्ट रूम में धरने पर बैठ जाते हैं। कुछ ऐसा ही वाक्या हुआ है मध्य प्रदेश में जहां, जबलपुर हाई कोर्ट के एडिशनल सेशन जज आरके श्रीवास Highcourt के बाहर धरने पर बैठ गए।अभी-अभी: कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ गए जज साहब, बोले-जब कोई हमारी बात नहीं सुनता तो अब...अभी-अभी: प्रियंका को यूपी के सीएम ने दी बड़ी जिम्मेदारी, राजी हो गये राहुल

Jabalpur Highcourt का ये घटनाक्रम देशभर में चर्चा का विषय बना गया है। हाईकोर्ट के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी और अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश आरके श्रीवास मंगलवार सुबह हाईकोर्ट की इमारत के गेट नंबर तीन के सामने धरने पर बैठ गए। पहले वे परिसर के अंदर सत्याग्रह पर बैठना चाहते थे, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। मप्र हाईकोर्ट के 61 साल के इतिहास में यह पहला मामला जब किसी ADJ ने सत्याग्रह किया है।

 

जज श्रीवास ने 15 महीने में 4 बार तबादल किए जाने के विरोध में सत्याग्रह किया। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश और रजिस्ट्रार जनरल को अपने साथ हुए अन्याय से अवगत कराने के बावजूद हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से अब तक कोई भी सकारात्मक रिस्पांस सामने नहीं आया।

उनका कहना है कि हर 3 महीने में ट्रांसफर से परिवार परेशान हो गया है। इस बार जैसे-तैसे Jabalpur के क्राइस्ट चर्च स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाया था। एक को पढ़ाई के लिए नीमच में छोड़ना पड़ा, क्योंकि वहां से भी तबादला कर दिया गया था। ADJ के पक्ष में बार के वकील भी साथ आने लगे हैं। कड़ी धूप में बैठकर धरना दे रहे जज के लिए वकीलों ने छाते मंगवाए। जज का कहना है कि न्याय नहीं मिला तो वे धरने के बाद अनशन करेंगे।

 

महज 15 महीने में चौथा तबादला हाईकोर्ट की ट्रांसफर पॉलिसी के सर्वथा विपरीत है। इससे यह साफ होता है कि एकरूपता को पूरी तरह दरकिनार करके मनमाने तरीके से भाई-भतीजावाद के आधार पर तबादले किए जा रहे हैं। इसलिए बजाए झुकने के संघर्ष का रास्ता चुना गया। मुझे अब तक नीमच में ज्वाइन कर लेना था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। इसके स्थान पर नौकरी को दांव पर लगाकर सत्याग्रह की राह पकड़ ली है। यदि मुझे गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए तो जेल जाने तक तैयार हूं। लेकिन अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा।

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