कोरोना से देश में अब तक 38 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हो रहा है। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव कोरोना की स्थिति को लेकर जानकारियां दे रहे हैं।

राजेश भूषण ने कहा कि आज  देश का ऑक्सीजन उत्पादन 6,900 मीट्रिक टन से कुछ ज्यादा है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, समस्या तब होती है जब इन्वेंटरी प्रबंधन नहीं होता है, सभी राज्यों को उचित इन्वेंट्री प्रबंधन सुनिश्चित करने की जरूरत है ताकि समय रहते ऑक्सीजन को फिर से भरा जा सके।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस वार्ता में कहा कि देश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मामलों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में अब तक 38 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में जांच की रफ्तार भी बढ़ रही है, पिछले सप्ताह देश भर में 76 लाख टेस्ट किए गए।

भूषण ने कहा कि देश में पांच राज्य ऐसे हैं जिनमें देश के कुल सक्रिय मामलों के 60 फीसदी मामले हैं। इनमें महाराष्ट्र में 29 फीसदी से अधिक, आंध्र प्रदेश में करीब नौ फीसदी, कर्नाटक में करीब 10 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 6.8 फीसदी और तमिलनाडु में 4.7 फीसदी मामले हैं। देश की औसत सकारात्मकता दर (पॉजिटिविटी रेट) 8.4 फीसदी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने बताया कि कोविड-19 के चलते रोज होने वाली मौतों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। महाराष्ट्र में नौ से 15 सितंबर के बीच 409 लोगों की मौत हुई है। कर्नाटक में नौ से 15 सितंबर के बीच 121 लोगों की मौत हुई है। वहीं, इसी समयावधि में उत्तर प्रदेश में 73, आंध्र प्रदेश में 69 और तमिलनाडु में 72 लोगों की मौत हुई है।

उन्होंने कहा कि देश में 18 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जिनमें कोरोना वायरस संक्रमण के कुल सक्रिय मामलों की संख्या पांच हजार से 50 हजार के बीच है। राजेश भूषण ने कहा कि देश में केवल चार राज्य ऐसे हैं जहां सक्रिय मामलों की संख्या 50 हजार से अधिक है।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा की भारत में तीन वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण में हैं। कैडिला और भारत बायोटेक की वैक्सीन ने पहले चरण का ट्रायल पूरा कर लिया है। सीरम इंस्टीट्यूट ने फेज-2-बी3 ट्रायल पूरे कर लिए हैं और अनुमति के बाद 14 स्थानों पर 1500 मरीजों पर फेज-3 का ट्रायल शुरू करेगा।

कोरोना वायरस के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल पर डॉ. भार्गव ने कहा, ‘विभिन्न वायरस संक्रमणों के लिए प्लाज्मा थेरेपी का 100 साल से ज्यादा समय से विभिन्न रूपों में इस्तेमाल किया जा रहा है। कोविड-19 में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। यह इलाज में मदद कर रही है या नहीं इसका अध्ययन किया जा रहा है।’

डॉ. भार्गव ने कहा कि भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 25 जिलों के 39 अस्पतालों में 464 मरीजों पर रैंडम ट्रायल में योगदान दिया है। इनमें पता चला है कि जिन दवाओं का ट्रायल में इस्तेमाल किया गया उनसे मृत्यु दर कम नहीं हुई और बीमारी को मध्यम से गंभीर बनने में नहीं रोकती हैं।

उन्होंने कहा कि अभी इस बात की समीक्षा की जा रही है। एक बार जब समीक्षा पूरी हो जाएगी और हमें पूरा प्रकाशन प्राप्त हो जाएगा तब इस डाटा पर एक बार फिर राष्ट्रीय टास्क फोर्स और स्वास्थ्य मंत्रालय का संयुक्त निगरानी समूह विचार करेगा। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि हम इसे जारी रखेंगे या नहीं।

 

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