न्यूजीलैंड में कोरोना वायरस का असर दोबारा देखने को मिल रहा है. यहां दूसरी बार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए आम चुनाव को चार हफ्ते के लिए टाल दिया गया है. इसका ऐलान न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जशिंदा अर्डेन ने किया.
न्यूजीलैंड में अब 17 अक्टूबर के बाद ही आम चुनाव हो सकेंगे. हालांकि प्रधानमंत्री अर्डेन ने इससे आगे चुनाव की तारीख बढ़ाने की संभावना से इनकार किया. देश में कोरोना वायरस के दोबारा संक्रमण के बाद चुनाव की तारीख टालने का निर्णय किया गया है.
एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में अर्डेन ने कहा, 17 अक्टूबर तक पार्टियों को अपनी तैयारी करने का अच्छा वक्त मिल जाएगा. न्यूजीलैंड में 19 सितंबर को आम चुनाव की तारीख तय थी.
ऑकलैंड में कोरोना के मामले सामने आने के बाद प्रधानमंत्री के सामने चुनाव की तारीख टालने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था. इससे पहले 102 दिन तक न्यूजीलैंड में कोरोना के कोई मामले सामने नहीं आए. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने कोरोना से मुक्त होने की घोषणा भी कर दी थी, लेकिन महामारी का दौर दूसरी बार यहां लौट गया है. न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स ने रविवार को चुनाव में देरी होने की बात कही थी.
न्यूजीलैंड की मुख्य विपक्षी पार्टी ने भी चुनाव टालने की मांग उठाई थी. विपक्षी पार्टियों को कोरोना के प्रतिबंधों के कारण अपना चुनाव प्रचार रोकना पड़ा था. इसे देखते हुए पार्टियों ने चुनाव आगे बढ़ाने की मांग की थी. विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया था कि अपना समर्थन बढ़ाने के लिए वे कोरोना संकट का दुरुपयोग कर रही हैं.
प्रधानमंत्री अर्डेन ने कहा कि उन्होंने गवर्नर जनरल को चुनाव की नई तारीख तय करने के लिए कहा है. अर्डेन के मुताबिक अक्टूबर के बाद वे इसे नहीं टालना चाहतीं. अर्डेन ने कहा, हम सब लोग समान परिस्थिति से जूझ रहे हैं, सब लोग एक तरह के माहौल में कैंपेन कर रहे हैं. न्यूजीलैंड के कानून के मुताबिक वहां 21 नवंबर से पहले चुनाव करा लिया जाना अनिवार्य है.