संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संसोधन) विधेयक, 2020 लोकसभा से पास हो गया. इसके तहत एक साल तक सांसदों को सैलरी 30 फीसदी कटकर मिलेगी. ज्यादातर सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया, लेकिन उनकी मांग रही कि सरकार सांसद निधि में कटौती नहीं करे.
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कुछ सांसद ऐसे भी रहे जिन्होंने कहा कि सरकार हमारी पूरी सैलरी ले ले, लेकिन सांसद निधि पूरी मिलनी चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि सरकार हमारी पूरी सैलरी ले ले, कोई भी सांसद इसका विरोध नहीं करेगा. लेकिन सांसद निधि पूरी मिलनी चाहिए.
जिससे कि हम लोगों के फायदे के लिए काम कर सकें. टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने कहा कि जितना पैसा हो आप सांसदों से ले सकते हैं. आप हमारी पूरी सैलरी ले सकते हैं.
लेकिन सांसद निधि दे देजिए. आप इसमें कटौती नहीं कर सकते. हम इसी के सहारे अपने क्षेत्रों में काम करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के पास 303 सांसद हैं तो इसका मतलब ये है क्या कि बाकी सांसदों का कोई महत्व नहीं है.
संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन (संसोधन) विधेयक, 2020 लोकसभा से पास हो गया. इसके तहत एक साल तक सांसदों को सैलरी 30 फीसदी कटकर मिलेगी. ज्यादातर सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया, लेकिन उनकी मांग रही कि सरकार सांसद निधि में कटौती नहीं करे.