ईरान से भारतीयों का नया जत्था आ गया है. सोमवार सुबह 53 लोगों को ईरान से जैसलमेर लाया गया. सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. इससे पहले रविवार को 236 लोगों को ईरान से लाया गया था.

कोरोना वायरस (कोविड-19) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने महामारी घोषित किया गया है और इटली, ईरान जैसे कोरोनो वायरस प्रभावित देशों में बड़ी संख्या में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा है.
इससे पहले 58 भारतीय तीर्थयात्रियों का पहला जत्था मंगलवार को ईरान से वापस लाया गया. शुक्रवार को ईरान से 44 भारतीय तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था पहुंचा था. रविवार को 234 भारतीय भारत पहुंचे. इनमें 131 छात्र और 103 तीर्थयात्री शामिल हैं. ईरान में अभी भी कई भारतीय फंसे है, जिन्हें निकालने की प्रक्रिया शुरू है.
एहतियात के तौर पर, देश लाए गए लोगों को 14 दिनों तक अलग-थलग रखा जाएगा. भारतीय सेना ने कोरोना वायरस के खिलाफ मुकाबला करने के लिए विभिन्न स्थानों पर वेलनेस सेंटर स्थापित किए हैं.
भारतीय सेना ने कहा कि जैसलमेर में वेलनेस सेंटर कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए एक भारतीय सेना की फैसिलिटी है और कुशल चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में लोगों को रखा जाएगा.
आर्मी वेलनेस सेंटर सिविल प्रशासन, हवाईअड्डा प्राधिकरण और वायु सेना के साथ तालमेल में काम कर रहा है ताकि सभी लाए गए लोगों को उचित देखभाल दिया जा सके. कोविड-19 के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.
जैसलमेर में सैन्य और सिविल अधिकारियों ने लोगों से कोविड-19 के खिलाफ पर्याप्त सावधानी बरतने का आग्रह किया है. उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि किसी भी स्थिति को संभालने के लिए अपेक्षित मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है.
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