आयुर्वेदिक पद्धति से कोरोना संक्रमण के इलाज के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे बेहतर मिले हैं। तीन अस्पतालों में चल रहे क्लीनिकल ट्रायल की अंतरिम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कोरोना संक्रमण के इलाज में इम्युनोफ्री और रेजिनम्युन नामक आयुर्वेदिक दवाओं के मिश्रण के प्रभाव का पता लगाने के लिए क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस मिश्रण को सरकार द्वारा निर्धारित कोरोना के पारंपरिक इलाज के मुकाबले बहुत कारगर पाया गया है। इम्युनोफ्री कोरिवल लाइफ साइंसेज की दवा है जबकि रेजिनम्युन बायोगेटिका की।
इसके अलावा, कोरोना वायरस के लिए कई परीक्षण जैसे सी रिएक्टिव प्रोटीन, प्रोक्लेसिटोनिन, डी डायमर और आरटी-पीसीआर में भी पारंपरिक उपचार की तुलना में प्राकृतिक इलाज से 20 से 60 फीसद तक सुधार देखने को मिले हैं। प्राकृतिक इलाज से शरीर में दर्द और थकान में भी कमी आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के मरीजों का प्राकृतिक और पारंपरिक तरीके से उपचार किया गया। जिन मरीजों का प्राकृतिक उपचार किया गया, पांच दिन के भीतर ही उनमें से 86.66 फीसद मरीजों के टेस्ट निगेटिव आए, जबकि पारंपरिक उपचार वाले 60 फीसद मरीजों के ही नतीजे निगेटिव मिले।
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