दिल्ली में कोरोना वायरस आक्रामक होने से मरीजों की मौतों की संख्या में रोज बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, संक्रमित मरीजों के मिलने से राजधानी के अधिकतर इलाके रेड जोन में तब्दील होते जा रहे हैं। आलम यह है कि पांच दिन के भीतर ही दिल्ली में 523 इलाके रेड जोन बन चुके हैं। अब तक दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या पांच हजार से अधिक हो गई है।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंटेनमेंट जोन इलाकों में रहने वाले हाईरिस्क लोगों की विशेष निगरानी को लेकर एक योजना बनाई है। इसके तहत वायरल या फ्लू के अलावा टीबी, मधुमेह सहित अन्य तरह की बीमारियों वाले मरीजों की कोविड जांच होगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 21 नवंबर तक 4633 कंटेनमेंट जोन थे, जो 26 नवंबर तक 5156 हो चुके हैं। कोरोना के चलते बनाई हेल्पलाइन पर रोजाना 300 से 400 फोन कॉल पहुंच रही हैं। इनके अलावा एंबुलेंस रोज एक हजार से अधिक चक्कर लगा रही हैं।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी के विभिन्न जिलों में निगरानी के लिए कुछ ही समय पहले 10 टीमें गठित की गई थीं। इन टीमों को सभी अस्पतालों का दौरा करना था जोकि अब पूरा हो चुका है। दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की सही जानकारी लोगों को मुहैया कराने के लिए काम शुरू हो चुका है। कंटेनमेंट जोन स्तर पर नई योजना बनाई है। इसके तहत कंटेनमेंट जोन में जांच सुविधा को आसान बनाने के लिए मोबाइल वैन का इस्तेमाल प्रस्तावित है।
कंटेनमेंट जोन की संख्या में लगातार इजाफे के बाद अब स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से सख्ती की तैयारी में है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों में फ्लू के लक्षण मिलने पर तत्काल कोविड जांच को अनिवार्य किया गया है। वहीं पहले से बीमार रोगियों के साथ साथ बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं को हाईरिस्क पर रखा गया है। जानकारी के अनुसार कंटेनमेंट जोन इलाकों में घर-घर सर्वे और संक्रमित मरीजों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बीते छह दिन में महज एक बार ही कंटेनमेंट जोन की संख्या में कमी देखने को मिली है। 22 नवंबर को कंटेनमेंट जोन की संख्या 4697 तक पहुंच चुकी थी, लेकिन अगले दिन कई कंटेनमेंट जोन को डी-सील करने के चलते इनकी संख्या में गिरावट भी आई। 23 नवंबर को कंटेनमेंट जोन की संख्या घटकर 4692 हो गई, लेकिन इसके बाद तीन दिन में 464 इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए। यह आंकड़ा अब तक का सबसे ज्यादा बताया जा रहा है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर रिजो एम जॉन ने बताया कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों की अपेक्षा फिलहाल स्थिति नियंत्रण में आती दिखाई दे रही है। राजधानी में कोरोना वायरस की प्रसार दर देश में हिमाचल के बाद सबसे अधिक थी। हिमाचल में यह दर दो फीसदी से अधिक थी, जबकि दिल्ली में डेढ़ फीसदी के आसपास थी। फिलहाल स्थिति यह है कि हिमाचल प्रदेश में अभी देश में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस की बढ़ोतरी दर ज्यादा है। जबकि दिल्ली एक फीसदी से नीचे आ गई है।