कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन गुरुवार को संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभी और कार्य करने को लेकर केंद्र और प्रदेश की ओर इशारा किया।

उन्होंने चिंता जताई कि अभी भी इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कालखंड का प्रभाव अभी भी है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में हमको काम करना है।
शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए और ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए कार्य करना है। आत्मनिर्भरता का भाव समाज में उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने का कानपुर प्रान्त में अच्छा काम हुआ है, इसको और बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि लॉकडाउन में कानपुर प्रान्त में स्वयंसेवकों की तरफ से व्यक्तिगत रूप से कई प्रेरणादायी कार्य किए गए। संघ के अतिरिक्त समाज में कई सामाजिक संगठनों, मठ, मंदिरों, गुरुद्वारों ने सेवा कार्य किए।
संघ प्रमुख ने कहा कि कोरोना कालखंड में एक बहुत बड़ी सज्जन शक्ति समाज में उभर कर सामने आई है। संघ के कार्यकर्ताओं को ऐसी सज्जन शक्ति से संपर्क करना चाहिए। स्वयंसेवकों को यह स्मरण रहना चाहिए कि हमने यह कार्य प्रचार के लिए नहीं किया है।
हमारा कार्य हमने समाज के लिए अपना दायित्व समझ के किया है। उन्होंने कानपुर प्रांत में संस्कार उत्पन्न करने के लिए बुद्ध पूर्णिमा पर उपवास, कुटुंब प्रबोधन की दृष्टि से परिवारजन का एक साथ भोजन कार्यक्रम और प्रत्येक प्रकृति प्रेमी परिवार की ओर से पर्यावरण की दृष्टि से हवन कार्यक्रम की भी सराहना की। संघ प्रमुख यहां पर 12 सितंबर तक रहेंगे और अलग-अलग विषयों को लेकर चर्चा करेंगे।
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