कैबिनेट बैठक में पलटे जा सकते हैं पूर्व सरकार के ये फैसले….
January 4, 2018
बड़ीखबर, राष्ट्रीय
प्रदेश सरकार की वीरवार को होने वाली बैठक में वीरभद्र सरकार के 1 अप्रैल 2017 के बाद लिये फैसलों का रिव्यू करने के साथ कुछ विभागों में भर्तियों के आदेश आ सकते हैं। जयराम सरकार पूर्ववर्ती सरकार का फैसला पलट अधिग्रहण का आदेश निरस्त कर सकती है। पुरानी सरकार के भर्ती प्रक्रिया से जुड़े एक दर्जन से अधिक वीरभद्र सरकार के फैसलों पर दोबारा प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लेगी। चार हजार के लगभग पदों पर पिछले छह माह में भर्तियों के आदेश दिए वीरभद्र सरकार ने लिये थे। इसमें पुलिस कांस्टेबलों की एक हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी शामिल है।
पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों पर पुनर्विचार के लिए कैबिनेट मंत्रिमंडल की उपसमिति भी गठन कर सकती है। यह समिति तय करेगी की किन फैसलों पर सरकार को निरस्त किया जाना है।
इसके अलावा सरकार 9 जनवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर राज्यपाल के अभिभाषण का मामला कैबिनेट में लाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सुबह 11 बजे शिमला पहुंचेंगे। ऐसे में कुछ नए एजेंड़ा प्रस्ताव भी कैबिनेट की बैठक में शामिल हो सकते हैं।
नीतिगत फैसले पलटने को बनेगी कैबिनेट उपसमिति
वीरभद्र सरकार के 1 अप्रैल 2017 के बाद दो सौ से अधिक फैसलों को पलटने के लिए सरकार मंत्रिमंडल की उपसमिति गठित कर सकती है। वीरवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में सभी विभागों से पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों को रिव्यू करने का एजेंडा तैयार किया गया है।
लगभग चार हजार पदों पर भर्तियों के निर्णय सहित कई नीतिगत फैसले वीरभद्र सरकार ने लिए थे। इन पर पुनर्विचार होना है। कुछ फैसले तो कैबिनेट खुद ही लेगी, लेकिन नीतिगत फैसलों को पलटने के लिए मंत्रिमंडल उपसमिति का गठन हो सकता है।
मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक में बुधवार शाम तक तैयार एजेंडे में केवल पिछली सरकार के फैसले लिए गए हैं, लेकिन कई नए प्रस्ताव भी विभागों ने तैयार किए हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के 11 सदस्यों के सुबह शिमला पहुंचने के बाद अनुपूरक एजेंडा कैबिनेट में आ सकता है।
भर्तियों को किया जा सकता है निरस्त
बीबीएमबी से 26 सौ करोड़ बकाये का पंजाब सरकार से चल रहे विवाद को कैबिनेट में लाया जा सकता है। नई भर्तियों में आयुष चिकित्सकों के सौ पद भरने के मामले का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। भर्तियों से संबंधित जो मामले प्रक्रिया के अधीन हैं, सरकार उन्हें निरस्त कर सकती है।
कुछ प्रकरणों में नए सिरे से भर्ती के आदेश भी होंगे। बैठक में पहला विधानसभा सत्र भी एजेंडा प्रस्ताव है। सरकार को राज्यपाल का अभिभाषण कैबिनेट में रखना है। इसके अलावा सत्र आहूत करने से संबंधित अन्य औपचारिकताओं पर भी मंत्रिमंडल की मुहर लगेगी।
वीरभद्र सरकार के नीतिगत फैसलों में शुमार चाय बागानों में खाली जमीन पर पर्यटन गतिविधियां और निर्माण, हिमाचल प्रदेश धरोहर पर्यटन नीति, बीमार उद्योगों को उबारने के लिए दस साल का पैकेज, धार्मिक संस्थाओं की भूमि को लैंड सीलिंग एक्ट में राहत देने और विधायकों को सस्ती जमीन देने के मामलों का रिव्यू हो सकता है।
आ सकता है रघुनाथ मंदिर अधिग्रहण प्रकरण
कैबिनेट के एजेंडे में कुल्लू के रघुनाथ मंदिर के अधिग्रहण का मामला मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है। वीरभद्र सरकार ने 25 जुलाई, 2016 को रघुनाथ मंदिर को ट्रस्ट के अधीन लाकर अधिग्रहण का फैसला लिया था।
सरकार ने ट्रस्ट का गठन कर मंदिर को शेड्यूल 1 में डाला। इसके खिलाफ मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद महेश्वर सुप्रीमकोर्ट गए। कोर्ट ने अधिग्रहण पर रोक लगा दी है।
महेश्वर सिंह अब भाजपा सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती सरकार के आदेश पलटने की पैरोकारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार अधिग्रहण का फैसला निरस्त कर सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सकती है।
11 के बजाय दो बजे होगी बैठक
मंत्रिमंडल की 4 जनवरी को होने वाली बैठक का समय सुबह 11 बजे से बदलकर दोपहर दो बजे कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुबह 11 बजे मंडी से शिमला पहुंचेंगे। इस कारण बैठक का समय बदला गया है।
बुधवार को विभागों ने एजेंडा प्रस्ताव तैयार किया, लेकिन मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल की गैर मौजूदगी में अब नए मामलों पर प्रस्ताव लाने को कैबिनेट से पहले अधिकारी मंत्रियों के पास जाएंगे।
कैबिनेट बैठक में पलटे जा सकते हैं पूर्व सरकार के ये फैसले.... 2018-01-04