केरल राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान दहेज प्रथा के खिलाफ अनशन पर बैठे

नई दिल्ली: दहेज प्रथा भारतीय समाज के लिए अभिशाप है। दहेज प्रथा के खिलाफ जहां देश में सख्त कानून है वहीं समय-समय पर इसके खिलाफ समाज को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जाता है। इस बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दहेज प्रथा के खिलाफ सामाजिक जागरूकता पैदा करने और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को खत्म करने के लिए तिरुवंनतपुरम में अपने आधिकारिक आवास राजभवन में आज एक दिन उपवास रखा है। शायद ये पहली बार है जब कोई राज्यपाल इस तरह के सामाजिक मुद्दे के लिए उपवास कर रहा है। 

जानकारी के मुताबिक राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सुबह आठ बजे से उपवास शुरू किया और वो शाम छह बजे तक उपवास रखेंगे। राज्यपाल अनशन समाप्त करने से पहले शाम को यहां गांधी भवन में आयोजित होने वाली प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लेंगे।

दहेज के कारण राज्य में कई महिलाओं द्वारा आत्महत्या करने के बाद खान को गहरा दुख हुआ था, और पिछले महीने उन्होंने बुराई के खिलाफ एक स्वयंसेवक के रूप में काम करने का वादा किया था।

राज्यपाल ने अंतिम वर्ष की आयुर्वेद मेडिकल छात्रा के परिवार से मुलाकात की थी, जिसने पिछले महीने अपने पति द्वारा कथित तौर पर एक महंगी कार की मांग के बाद अपनी जान ले ली थी। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, खान ने मीडिया से कहा था कि गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों को दहेज के खिलाफ एक अभियान के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और वादा किया कि वह एक स्वयंसेवक के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं।

खान ने तब कहा था, “दहेज एक बुराई है और जहां तक कानूनों का सवाल है, वे बहुत मजबूत हैं और इसके खिलाफ एक सामान्य और सामाजिक जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।”

पिछले एक महीने में दहेज उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं, जिससे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को नए कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है और ऐसे सभी मामलों से निपटने के लिए एक महिला आईपीएस अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है।

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