केरल की रैली में हमास नेता के शामिल होने पर हुआ राजनीतिक विवाद

केरल के मलप्पुरम में फलस्तीन के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया। जमात ए इस्लामी के यूथ विंग सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट द्वारा इस रैली का आयोजन किया गया लेकिन यह रैली बड़े विवाद में फंस गई है। दरअसल इस रैली में आतंकी संगठन हमास के एक बड़े नेता ने वर्चुअली शिरकत की। हमास का ये नेता है खालेद मशाल। भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन और केरल सरकार को निशाने पर ले लिया है।

कौन है खालेद मशाल
केरल की रैली में वर्चुअली शिरकत करने वाला खालेद मशाल, हमास के संस्थापक सदस्यों में से एक है और वह साल 2017 तक हमास का अध्यक्ष रहा। खालेद मशाल बीते कई सालों तक हमास के प्रमुख नेताओं में रहा। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, खालेद मशाल का जन्म फलस्तीन के वेस्ट बैंक इलाके में हुआ और वह अपने जीवन के अधिकतर समय जॉर्डन और कुवैत में रहा। फलस्तीन से बाहर रहते हुए ही साल 2004 में खालेद मशाल को हमास का राजनीतिक प्रमुख बनाया गया। मशाल खुद कभी गाजा में नहीं रहा और हमेशा जॉर्डन, सीरिया, कतर और मिस्त्र से हमास का संचालन करता रहा। इस्राइली विदेश मंत्रालय के अनुसार, खालेद मशाल अभी कतर में रह रहा है और उसकी कुल संपत्ति 4 अरब डॉलर है।

रैली में हमास नेता की मौजूदगी पर हुआ विवाद
हमास नेता के केरल रैली में दिए भाषण का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर सामने आया, इसे लेकर विवाद हो गया। दरअसल रैली में जो पोस्टर लिखे थे, उनपर लिखा था ‘बुलडोजर हिंदुत्व और रंगभेदी यहूदीवाद को को उखाड़ फेंको।’ इस पर भी सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी नाराजगी जाहिर की। केरल के भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाला है कि फलस्तीन बचाने की आड़ में एक आतंकी संगठन का महिमामंडन किया जा रहा है। के सुरेंद्रन ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए कि जब रैली में हमास नेता का संबोधन हुआ तो उस वक्त केरल पुलिस कहां थी? हमास के नेताओं को योद्धा बताया जा रहा है, इसे बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

केरल भाजपा के उपाध्यक्ष वीटी रेमा ने कहा कि ‘यह खबर हैरान करने वाली है कि भारत जैसे एक धर्मनिरपेक्ष देश में एक इस्लामिक आतंकी संगठन ने अपना असली चेहरा दिखाया है। सभी जानते हैं कि हमास ने इस्राइल पर हमला किया।’ वहीं जिस संगठन ने रैली का आयोजन किया, उसके प्रदेश अध्यक्ष सुहेब सीटी ने कहा कि ‘हमास नेता का रैली को संबोधित करना कोई अपराध नहीं है और हमास भारत से संचालित भी नहीं होता। हमने फलस्तीन के लोगों के समर्थन में रैली की और उसमें हमास के नेता ने शिरकत की। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है।’

सुहेब ने ये भी कहा कि ‘हमास के नेताओं ने पहले भी केरल में लोगों को संबोधित किया है। हमास एक प्रतिरोध आंदोलन है और इसने चुनाव में कई सीटें जीती हैं।’ इस्राइल के भारत में राजदूत नाओर गिलन ने भी केरल की रैली में हमास नेता के संबोधन पर हैरानी और निराशा जाहिर की।

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