केजीएमयू में मरीजों की समस्या दूर करने के लिए संचालित फार्मेसी सेवा को दुरुस्त करने का लिया गया फैसला

केजीएमयू में हर वर्ष कोरोड़ों की दवा खरीद हो रही है। बावजूद, ओपीडी से लेकर इंडोर तक के मरीज भटकने को मजबूर हैं। ऐसे में संस्थान ने हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) से संचालित फार्मेसी सेवा को दुरुस्त करने का फैसला किया। इसके जहां कैंपस में काउंटर खुलेंगे। वहीं मेडिसिन- सर्जिकल सामान खरीद के लिए टेंडर भी बना लिया है।

केजीएमयू में 70 के करीब विभाग हैं। वहीं 55 के लगभग विभागों का संचालन हो रहा है। क्लीनिकल विभागों के वार्डों में 4400 बेड हैं। वहीं सामान्य दिनों में हर रोज ओपीडी में आठ से नौ हजार मरीजों की भीड़ रहती थी। कोरोना काल में मरीजों की संख्या घट गई है। अब ओपीडी-इमरजेंसी में 1500 से दो हजार मरीज रोज आ रहे हैं। बावजूद मरीजों को दवा के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्हें मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। ऐसे में दैनिक जागरण ने 14 अक्टूबर से तीन दिनों तक केजीएमयू में दवा संकट की समस्या को उभारा। हरकत में आए संस्थान प्रशासन ने मरीजों की समस्या दूर करने का फैसला किया। ऐसे में पीजीआइ की लिस्ट से दवा खरीदने के बजाए खुद का सर्जिकल सामान व मेडिसिन का टेंडर तैयार किया। कारण, केजीएमयू में खुले कई विभाग पीजीआइ में नहीं हैं। ऐसे में सभी दवाएं पीजीआइ के टेंडर पर खरीदनी मुमकिन नहीं है। नए टेंडर में करीब 350 मॉलीक्यूल की दवाएं व सर्जिकल सामान की ल‍िस्‍ट बन गई है। जल्द ही टेंडर को अपलोड कर दवा खरीद की कंपनी तय की जाएंगी। दवाएं एचआरएफ से खरीदी जाएंगी, जो बाजार दर से मरीजों को 65 से 70 फीसद तक सस्ती मि‍लेंगी।

हर विभाग की जिम्मेदारी तय

संस्थान प्रशासन ने हर विभाग के एक डॉक्टर को नोडल ऑफीसर बनाया है। यह विभाग में आवश्यक दवाओं की लिस्ट बनाएंगे। फार्मेसी में कौन सी दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इनपुट देंगे। वहीं भर्ती व ओपीडी मरीजों को फार्मेसी से ही दवा मिल सके, इसलिए डॉक्टर को भी दवाओं की लिस्ट शेयर करेंगे। डॉक्टरों को उन्हीं दवाओं को लिखने का निर्देश दिया गया है।

डेढ़ सौ करोड़ की हो रही दवा खरीद

केजीएमयू में हर वर्ष डेढ़ सौ करोड़ के करीब दवा खरीद की जा रही है। इसमें एचआरएफ में करीब सौ करोड़ व लोकल पर्चेज के तहत 45 से 50 करोड़ की दवा केजीएमयू में खरीदी जा रही हैं। भारीभरकम बजट खर्च होने के बावजूद मरीजों को मेडिकल स्टोर पर भटकना सवाल खड़ा करता है। संस्थान में अभी एचआरएफ की 11 फार्मेसी में हैं। ऐसे में अब क्वीनमेरी व ओपीडी में भी खोलने की योजना है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह ने कहा कि संस्थान में दवा खरीद के लिए टेंडर तैयार हो गया है। इसे अपलोड कर दिया जाएगा। कंपनियां फाइनल होने पर खरीद शुरू हो जाएगी। मरीज को सस्ती दर पर अंदर से ही दवा उपलब्ध होगी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com