दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकारें आईं और गईं लेकिन हरियाणा के लोगों के बारे किसी नहीं सोचा। 52 साल के बाद भी राज्य के हालत कमोबेश वहीं हैं जैसे गठन के समय थी। इसके लिए हरियाणा की सभी राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदार हैं। इसके साथ ही उन्होंने पराली जलाने के मामला में हरियाणा को क्लीन चिट दी और पंजाब को जिम्मेदार बताया।
दिल्ली में प्रदूषण का ठीकरा हरियाणा और पंजाब पर फोड़ते रहे अरविंद केजरीवाल ने आज अपना सुर बदल लिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में नाम मात्र पराली जल रही है। पंजाब में हालात ज्यादा खराब है। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में केजरीवाल ने सेटेलाइट से मिले चित्रों का हवाला देकर हरियाणा को क्लीन चिट दी। उन्होंने कहा कि पंजाब में हालत गंभीर है और यहां बहुतायत में पराली जलाई जा रही है। पराली जलाने से रोकने और प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सभी के मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।
केजरीवाल यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे। वह यहां कई दिन तक हरियाणा का दौरा करने के बाद बृहस्पतिवार को पहुंचे। वह हरियाणा में अाम आदमी पार्टी के सक्रिय करने के लिए नेताओं से रणनीति पर चर्चा करने यहां अाए हैं। चंडीगढ़ पहुंचने पर केजरीवाल का अाप के हरियाणा प्रधान नवीन जयहिंद और अन्य नेताओं ने स्वागत किया।
केजरीवाल ने कहा, हरियाणा दिवस के मौके पर मैं राज्य वासियों को बधाई देता हूं। हरियाणा के गठन के 52 साल हो गए हैं लेकिन हालात व ज़रूरतें जैसे उस समय थीं वही की वही हैं। राज्य में एक के बाद एक सभी दलों की सरकारें बनीं, लेकिन किसी ने राज्य की हालत पर ध्यान नहीं दिया। इसी कारण राज्य में मूलभूत समस्याएं भी हल नहीं हुई हैं।
केजरीवाल ने कहा कि अभी तक इनेलो जाट समर्थक होने का दावा कर वोट मांगता रहा। दूसरी ओर, भाजपा और कांग्रेस अन्य दावे कर लाेगाें को गुमराह कर लोगों के वोट बटोरती रहीं। किसी भी पार्टी ने लोगों की समस्याएं हल करने और काम करवाने की बात कर वोट नही मांगा। यही कारण है कि सभी पार्टियां जनता के साथ छलावा करती रहीं।
इस माैके पर केजरीवाल ने हरियाणा सरकार अौर मुख्यमंत्री मनोहरलाल पर भी जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि आज हरियाणा में स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति बदतर है। उन्होंने कहा, मैंने हरियाणा के स्कूलों और अस्पतालाें में जाकर वहां की हालत देखी। वहां जाकर जो स्थिति देखी वह राज्य सरकार पर बड़ा सवाल उठाती है।
केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दिल्ली के पांच अस्पतालों और पांच स्कूलों का निरीक्षण करने की चुनौती दी। केजरीवाल ने कहा, मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चिट्ठी लिखकर दिल्ली आने का न्योता दूंगा। मनोहरलाल इसके लिए दिल्ली के तीन स्कूल और तीन अस्पताल अपनी मर्जी से चुनें। दो अस्पताल और दो स्कूलों का नाम मैं खुद फाइनल कर मनोहर को वहां का दौरा कराऊंगा। केजरीवाल ने कहा कि ठीक इसी तर्ज पर वह 12 नवंबर को हरियाणा में पांच अस्पतालों और पांच स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। तीन स्कूल व तीन अस्पताल उनके (केजरीवाल) और दो स्कूल व दो अस्पताल मनोहर लाल की पसंद के होंगे।
केजरीवाल ने कहा कि पिछले तीन सालों से दिल्ली में हमारी सरकार है। हमने दिल्ली के लोगों के लिए काम किया है और हमारे विरोधी भी इस बात को मानते है चाहे वे स्कूलों की बात हो चाहे शहीद परिवारों को राशि देने की हमने काम किया है।
खैहरा पर फैसला समय आने पर लेंगे
उन्होंने पंजाब में आम अादमी पार्टी के विवाद के बारे में पूछे गए सवालों के बारे में कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक है। हम जनता के मुद्दे और उसकी समस्या सुलझाने के लिए संघर्षरत हैं। पत्रकारों द्वारा बागी नेता सुखपाल खैहरा के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में केजरीवाल ने कहा, मेरी राजनीति के केंद्र खैहरा नहीं है। मेरी राजनीति लोगों के मसले सुलझाना और भ्रष्टाचार हटाना है। खैहरा के बारे में मुझे जितने जवाब देने थे पहले ही दे दिए। खैहरा के बारे में फैसला समय आने पर किया जाएगा।
पंजाब के अाप विधायकों के साथ की बैठक
बाद में अरविंंद केजरीवाल ने पंजाब के आप विधायकों के साथ बैठक की। इसमें सुखपाल सिंह खैहरा व अन्य बागी विधायक मौजूद नहीं थी। समझा जाता है कि केजरीवाल ने विधायकों के साथ पंजाब में पार्टी की स्थिति पर चर्चा की। बताया जाता है पंजाब में आम आदमी पार्टी को एकजुट करने को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया।