देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए ‘कर्नाटक मॉडल’ अपनाने की सलाह दी है. मंत्रालय ने कर्नाटक के दो अहम कदमों को खास तौर पर उदाहरण के तौर पर पेश किया, जिसमें विस्तृत स्तर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और घरों में जाकर सर्वे अहम है. कर्नाटक सरकार ने करीब डेढ़ करोड़ घरों का सर्वे किया है.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मौत का पहला मामला मार्च के दूसरे हफ्ते में कर्नाटक में ही आया था. इसके बाद से कर्नाटक में मामले तो बढ़ते गए हैं लेकिन वहां स्थिति बाकी कई बड़े राज्यों के मुकाबले ज्यादा बेहतर है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, कर्नाटक में अभी तक लगभग 8 हजार मामले आए हैं, जिनमें से करीब 5 हजार मरीज ठीक भी हो चुके हैं. प्रदेश में 114 लोगों की मौत अब तक संक्रमण से हुई है.
कर्नाटक में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर जोर
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कर्नाटक सरकार के तरीकों और कई एजेंसियों के एक साथ मिलकर और टेक्नोलॉजी की मदद से बड़े स्तर ट्रेसिंग की तारीफ की. कर्नाटक सरकार के प्राइमरी और सेकेंडरी कॉन्टेक्ट की भी बेहतर तरीके से ट्रेसिंग को मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए उदाहरण बताया.
अपने बयान में मंत्रालय ने कहा, “केंद्र ने अन्य राज्यों को कहा है कि वो इन बेहतरीन तरीकों को अपनी स्थानीय स्थितियों के अनुसार अपनाएं और कोरोना की स्थिति के बेहतर प्रबंधन में इनको लागू करें.”
क्वारंटीन का सही से पालन
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कर्नाटक की इस बात के लिए भी तारीफ की कि राज्य सरकार ने संस्थागत क्वारंटीन के जरिए झुग्गियों में इस महामारी के प्रसार को कम करने में सफलता हासिल की. मंत्रालय ने लिखा, “क्वारंटीन वॉच ऐप के जरिए फील्ड वर्कर्स को क्वारंटीन में मौजूद लोगों को ट्रेस करने में मदद मिल रही है.”
इसके अलावा किसी भी शख्स को कोरोना जैसे हल्के-फुल्के लक्षण होने की स्थिति में टेलीमेडिसिन डॉक्टर उन लोगों से बात कर रहे हैं और उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही कम्युनिटी सपोर्ट के जरिए भी सरकार ने क्वारंटीन के सही पालन को सुनिश्चित किया है. अगर होम क्वारंटीन में मौजूद किसी शख्स के खिलाफ शिकायत मिल रही है तो उसे संस्थागत क्वारंटीन में भेजा जा रहा है.
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