बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी आठ-नौ महीने का वक्त है लेकिन यहां का सियासी अभी से गरमा गया है. बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू ने बीजेपी के सामने फॉर्मूला रख दिया लेकिन बीजेपी ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
अब केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा हो रही है. इस विस्तार में जेडीयू के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, ये जगज़ाहिर है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में सिर्फ एक सीट दिए जाने से नाराज़ होकर केंद्र की सरकार में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया था.
तब नीतीश ने पटना लौटते ही ऐलान किया था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का अब सवाल ही नहीं उठता है. नीतीश ने उस वक्त गुस्से को पी लिया था क्योंकि बड़ी जीत के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनके सांसद भी मंत्री बनेंगे और बिहार के विकास में आसानी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
अब बीजेपी सूत्र बता रहे हैं कि केंद्र के मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू को भी न्योता दिया जा रहा है. पर लाख टके का सवाल है कि क्या नीतीश अपने पुराने स्टैंड से बदलेंगे या फिर अगर बदलने की नौबत आई तो क्या कोई शर्त होगी. राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा हो रही है कि नीतीश कुमार के सामने प्राथमिकता क्या है. मंत्रिमंडल में शामिल होना या फिर 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जेडीयू को ज़्यादा सीटें दिलाना.