कुढ़नी उपचुनाव का रण तेज हो गया है। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के तमाम दिग्गजों ने जदयू के लिए वोट मांगे। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के मनोज कुशवाहा हैं, जो सत्ताधारी महागठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार हैं। इस बीच बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने महागठबंधन पर करारा वार किया है। उन्होने कहा कि मुस्लिमों का वोट लेने के चक्कर में हिंदू वोटर्स की अनदेखी हो रही है। क्या राजनीतिक नजरिए से हिंदू अछूत हो रहा है। साथ ही नीतीश सरकार की हर घर गंगा जल योजना पर तंज कसते हुए कहा कि शराबंदी के नाम पर घर-घर शराब पहुंचाई जा रही है, क्या दो जिलों में गंगा जल पहुंचा देने से नीतीश कुमार अपनों पापों का प्राश्चित हो जाएगा।
कुढ़नी का जातीय समीकरण
कुढ़नी विधानसभा के जातीय समीकरण की बात करें तो 3 लाख मतदाता वाले इस इलाके में सबसे ज्यादा 40 हजार कुशवाहा जाति के वोटर हैं। वहीं दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के करीब 33 हजार मतदाता है। 25 हजार वोटर्स के साथ तीसरे नंबर पर सहनी समाज है। वहीं यादव समाज के 23 हजार वोटर्स है। और मुस्लिम मतदातओं की संख्या भी 22 हजार के करीब है। ऐसे में मुस्लिमों वोट बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। यही वजह है कि हर सियासी दल ने जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
जेडीयू ने मनोज कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया हैं, तो वहीं बीजेपी ने केदार गुप्ता को एक बार फिर से अपना प्रत्याशी बनाया है। वीआईपी पार्टी से स्वर्ण समाज से नीलाभ कुमार को प्रत्याशी के तौर पर उतारा है। वहीं AIMIM ने मुस्लिम प्रत्याशी मुर्तजा अंसारी को मैदान में उतारा है। महागठबंधन के लिए सबसे बड़ा खतरा ओवैसी की पार्टी AIMIM ही है। जो महागठबंधन का खेल बिगाड़ सकती है। यही वजह है कि मुस्लिम वोटर्स पर महागठबंधन की खास नजर है।